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देश के 111 शहरों में कोटा 44वें पायदान पर

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 में कोटा 44वें स्थान पर रहा। वहीं आर्थिक क्षमता और जीवन की गुणवत्ता श्रेणी में काफी पीछे है। सिटीजन परसेप्शन में कोटा को 19वीं रैक मिली है। इसमें कोटा को 100 में से 78 अंक मिले हैं। इस मामले में कोटा जयपुर से आगे है और जोधपुर से पीछे।

कोटाMar 05, 2021 / 01:19 am

Jaggo Singh Dhaker

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कोटा। कोटा शहर के सेवन वंडर्स पार्क में स्थित ताजमहल का मॉडल।

कोटा. केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी की गई ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (ईओएलआई) 2020 में कोटा 44वें स्थान पर रहा। इसमें कोटा को 49.52 अंक मिले हैं। वहीं नगर निगम प्रदर्शन सूचकांक (एमपीआई) में कोटा 50वें नम्बर पर है। इसमें 25.90 अंक मिले हैं।
ईओएलआईके अनुसार कोटा आर्थिक क्षमता और जीवन की गुणवत्ता श्रेणी में काफी पीछे है। वहीं सिटीजन परसेप्शन में कोटा को 19वीं रैक मिली है। इसमें कोटा को 78 अंक मिले हैं। इस मामले में कोटा जयपुर से आगे है और जोधपुर से पीछे। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स की उन शहरों के लिए घोषणा की गई जिनकी जनसंख्या दस लाख से अधिक और दस लाख से कम है। वर्ष 2020 में आयोजित मूल्यांकन प्रक्रिया में कोटा सहित देश के 111 शहरों ने भाग लिया था। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में कोटा भी शामिल है। ईओएलआई एक मूल्यांकन प्रक्रिया है जो जीवन की गुणवत्ता और शहरी विकास के लिए विभिन्न पहलुओं के प्रभाव का आकलन करती है। यह जीवन की गुणवत्ता, शहर की आर्थिक क्षमता, स्थिरता और लचीलापन के आधार पर शहरों की व्यापक समझ उपलब्ध कराता है। इस मूल्यांकन में सिटीजन परसेप्शन सर्वे (सीपीएस) के माध्यम से नगर के प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं के बारे में नागरिकों के दृष्टिकोण भी शामिल किया गया है।
ईओएलआई की अलग-अलग श्रेणी में ये रैंक रही
जीवन की गुणवत्ता 43
शहर की आर्थिक क्षमता 42
स्थिरता 48
सिटीजन परसेप्शन 19

प्रौद्योगिकी में पिछड़ा कोटा
ईओएलआई इंडेक्स की तरह नगर निगम का प्रदर्शन सूचकांक(एमपीआई) 2020 के तहत मूल्यांकन ढांचे में भी जनसंख्या के आधार पर नगरपालिकाओं को दस लाख से अधिक जनसंख्या वाली और 10 लाख से कम आबादी वाली वाली नगर पालिकाओं में श्रेणीबद्ध किया गया है। इसमें कोटा का 50वां स्थान रहा है। इसके लिए हुए सर्वे में कोटा नगर निगम की सेवाओं की स्थिति, वित्त, नीति, प्रौद्योगिकी और सुशासन की जांच गई।
एमपीआई की अलग-अलग श्रेणी में ये रैंक रही
सेवाओं की स्थिति 50
वित्त 48
नीति 48
प्रौद्योगिकी 51
सुशासन 46

अव्वल आने के लिए ये करना होगा सुधार
कोटा शहर के नगर निगम को कार्य प्रदर्शन सूचकांक में अव्वल आने के लिए 20 क्षेत्रों में सुधार करना होगा। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और अपशिष्ट जल, एसडब्ल्यूएम और स्वच्छता, पंजीकरण और परमिट, बुनियादी ढांचा, राजस्व प्रबंधन, व्यय प्रबंधन, राजकोषीय जिम्मेदारी, राजकोषीय विकेंद्रीकरण, डिजिटल प्रशासन, डिजिटल पहुंच, डिजिटल साक्षरता, योजना तैयार करना, योजना लागू करना, योजना प्रवर्तन, पारदर्शिता और जवाबदेही, मानव संसाधन, भागीदारी और प्रभावशीलता शामिल हैं। यह सूचकांक कार्यक्षमता का परिचायक है। सूचकांक के माध्यम से, नागरिक अपने स्थानीय सरकार के प्रशासन को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं, जो पारदर्शिता का निर्माण करता है और प्रमुख हितधारकों में विश्वास पैदा करता है।

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