धन्नालाल ने बताया कि जब टीवी का दौर शुरू हुआ तो उन्होंने भी टीवी मरम्मत का कार्य सीख लिया और बृजराजपुरा में टीवी रिपेयरिंग की दुकान शुरू की। शुरू में कारोबार अच्छा चलाए लेकिन जब मैकेनिक बढ़े तो आय कम हो गई। इससे हारकर अपना व्यवसाय बदल लिया और हलवाई बन गएए लेकिन टीवी के चलचित्रए डीवीडी पर बजता संगीत का जादू इस तरह से हावी हुआ कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से प्रेम हो गया। उन्होंने पुराने टीवी सहित अन्य उपकरणों को बेचा नहीं बल्कि जो खराब थे उन्हें ठीक कर संग्रह करना शुरू कर दिया। पिछले 10-12 वर्ष पहले पुराने टीवी व अन्य उपकरण खरीदने शुरू किए, जो आज संग्रहालय का रूप ले चुका है। अब इनके पास 80 के दशक से अब तक लगभग सभी नई पुरानी कम्पनियों के टीवी (शटर वाले टीवी को छोड़कर) सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिल जाएंगे।
धन्नालाल के पास ब्लैक एण्ड व्हाइट टीवी से लेकर इस दौर में चल रही एलईडी तक है। ऐसी कोई कम्पनी नहीं होगी जिसका टीवी इनके पास नहीं हो। टीवी के अलावा होम थियेटरए डीवीडी प्लेयरए स्पीकरए रेडियोए कैसेट्स सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का संग्रह है। खरीदे गए टीवी अपने गांव स्थित मकान में भर रखे हैं। साथ ही कोटा स्थित किराए के दो मकानों में भी टीवी व अन्य उपकरण भरे पड़़े हैं।
ब्लैकए कलर टीवीए एलईडी 6000
डीवीडी प्लेयर 2000
डीवीडी कैसेट्स 5000
होम थियेटर 500
स्पीकर 5000