करीब दो घंटे तक हंगामा चला। अशैक्षणिक कर्मचारियों व वित्त नियंत्रक के बीच काफी जमकर बहस हुई। बाद में मामला कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह के पास पहुंचा। डिग्रियों के बिल जारी करने का आश्वासन दिया। उसके बाद मामला शांत हुआ।
दरअसल, कोटा विवि प्रशासन 2017 में हुए दीक्षांत समारोह की डिग्रियां जांच के ही बिल पास करना चाहती है। उस बिल को कुलपति ने अनुमोदन कर दिया, लेकिन शुक्रवार को जब बिल वित्त नियंत्रक के पास पहुंचा तो उन्होंने सरकार के नियमों का हवाला देते हुए रोक दिया। इसकी सूचना अशैक्षणिक कर्मचारियों को लगी तो वे वित्त नियंत्रक कक्ष में पहुंच गए और वित्त नियंत्रक का घेराव कर धरने पर बैठ गए। अशैक्षणिक कर्मचारी व वित्त नियंत्रक के बीच जमकर बहस होती रही। कुलसचिव ने वित्त नियंत्रक से बात करनी चाही तो उन्होंने बात करने से मनाकर दिया। दो घंटे से अधिक समय तक हंगामा चलता रहा। बाद में कुलपति को दखल देना पड़ा। उन्होंने वित्त नियंत्रक को अपने कक्ष में बुलाया और कर्मचारियों के बिल जारी करने के निर्देश दिए। उसके बाद वित्त नियंत्रक माने।
नहीं तो धरने पर बैठेंगे प्रबंध मंडल से अनुमोदन होने व कुलाधिपति से कर्मचारियों के डिग्रियों की जांच करने बदले राशि देने के आदेश मिले हुए है। बावजूद विवि प्रशासन ने सालों से बकाया राशि रोक रखी है। यदि विवि प्रशासन ने डिग्रियों के बकाया बिल व उनकी अन्य मांगें नहीं मानी तो वे शनिवार सुबह 10 बजे विवि परिसर में धरने पर बैठेंगे।
गिरीश बोहरा, अध्यक्ष, अशैक्षणिक कर्मचारी संघ
देंगे बकाया राशि कर्मचारियों को 2017 दीक्षांत समारोह की डिग्रियां जांच की बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।
– डॉ. आर.के. उपाध्याय, कुलसचिव