scriptखुशखबरी: नए साल में कोटा के वन्यजीवों की होगी तरक्की, तोहफों की होगी बरसात | Kota Zoological Park.Biological Park Construction work Almost complete | Patrika News
कोटा

खुशखबरी: नए साल में कोटा के वन्यजीवों की होगी तरक्की, तोहफों की होगी बरसात

. रियासतकालीन पिंजरों और बाड़ों में कैद चिडिय़ाघर के वन्यजीवों को नए साल पर आजादी का तोहफा मिलेगा।

कोटाNov 11, 2019 / 10:05 am

​Zuber Khan

biological park

नए साल में कोटा के वन्यजीवों की होगी तरक्की, तोहफों की होगी बरसात

कोटा . रियासतकालीन पिंजरों और बाड़ों में कैद चिडिय़ाघर ( Kota zoo ) के वन्यजीवों ( wildlife ) को नए साल ( new year 2020 ) पर आजादी का तोहफा मिलेगा। खुली हवा में सांस लेने के लिए नान्ता में बन रहे अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क ( Biological Park ) का तकरीबन 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। पाथ-वे और 19 पिंजरों/बाड़ों का काम अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि 2020 की शुरुआत में ही इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें

बच्चों की जान बचाने 7 घंटे में 113 किमी दौड़ा पिता, राजस्थान-मध्यप्रदेश में नहीं मिला इलाज, बाप की गोद में टूटा बेटा-बेटी का दम



नए साल में कोटा पर वन्य जीव ( wildlife ) और पर्यावरण ( Environment ) की तरक्की के लिए तोहफों की बरसात होने वाली है। इसकी शुरुआत नान्ता स्थिति बायोलॉजिकल पार्क ( Biological Park ) से होगी। पार्क का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पहले चरण में वन्यजीवों के लिए 19 केज बनाने का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। करीब 126 हैक्टेयर क्षेत्रफल में बन रहे बायोलॉजिकल पार्क की 36 हैक्टेयर जमीन पर वन विभाग की ओर से 400 मीटर चौड़ी और डेढ़ किमी लंबी ग्रीन बेल्ट तैयार की जा रही है। बाकी जमीन पर वन्यजीवों के लिए 19 केज बनाने का काम अंतिम चरण में है।

यह भी पढ़ें

हे राम! कैसी ये नियति, 24 घंटे में ही मां-बाप से छीनी 2 औलाद, खुशियों से चहकते आंगन में मचा कोहराम



खुले में सांस ले सकेंगे वन्य जीव
रियासतकालीन चिडिय़ाघर में वन्यजीवों को छोटे-छोटे पिंजरों में रखा गया है, लेकिन बायोलॉजिकल पार्क ( Kota Biological Park ) में उनके लिए बड़े-बड़े खुले केज बनाए गए हैं। इनमें वह खुलकर रहे सकेंगे। बायोलॉजिकल पार्क में प्रवेश करते ही सबसे पहले टाइगर फिर पेंथर और लॉयन सफारी तैयार की जा रही है। इसके बाद पक्षियों के लिए पांच खास पिंजरे, जैकॉल और लोमडिय़ों का रियासतकालीन लुक लिए हुए खुले केज तैयार किए जा रहे हैं। इनके आगे भालू, हाइना, चीतल, सांभर, नीलगाय और चिंकारा के केज का काम लगभग पूरा होने को है। पार्क के सबसे आखिर में काले हिरनों के लिए बड़ा सा बाड़ा तैयार किया जा रहा है।


पाथ-वे हुआ तैयार
बायोलॉजिकल पार्क में आसानी से घूमने-फिरने के लिए 6 मीटर चौड़ा और 2 किलोमीटर लंबा पाथ-वे तैयार हो चुका है। इस से केज तक पहुंचने के लिए 3 मीटर चौड़े पाथ-वे तैयार करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। इसके साथ ही ग्रीन बेल्ट एरिया में पौधारोपण का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। पहले चरण में यहां 10 हजार और दूसरे चरण में पांच हजार पौधे लगाए जाने हैं।
यह भी पढ़ें

नवजात की मौत से कोटा में जमकर मचा बवाल, परिजनों ने शव रखकर किया प्रदर्शन



यह काम अभी बाकी
बायोलॉजिकल पार्क में वन्य जीवों के लिए 44 केज का निर्माण किया जाना है। पहला फेज पूरा होते ही दूसरे फेज का का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिसमें बाकी के केज, वॉटर पॉन्ड्स, लाइटिंग और टाइटिंग के साथ-साथ वेटेरनरी अस्पताल, प्रशासनिक भवन और कैफेटेरिया आदि बनाए जाएंगे।

तीन दशक में हुआ सपना साकार
रियासतकालीन चिडिय़ाघर के आबादी से घिरने से बाद वन अधिकारी इसे शिफ्ट करने की कोशिशों में जुट गए थे, लेकिन सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सीजेडआई) ने 29 साल बाद 26 फरवरी 2017 को अभेड़ा में बायोलॉजिकल पार्क के निर्माण को स्वीकृति दी। स्वीकृति के साथ ही सीजेडआई ने शर्त लगा दी थी कि बायोलॉजिकल पार्क की जमीन के एक हिस्से में कोटा का कूड़ा डंप करने के लिए स्थापित किए गए ट्रेंचिंग ग्राउण्ड बंद करना होगा। इतना ही नहीं इस ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर 10 हजार से ज्यादा पौधे लगाने होंगे। इसके साथ ही वन्यजीव कचरे की बदबू और संक्रमण का शिकार न हो जाएं, इसके लिए ट्रेंचिंग ग्राउण्ड ( Trenching ground ) और बायोलॉजिकल पार्क ( Biological Park in kota ) के बीच एक ग्रीनवॉल भी विकसित की जाए।
इनका कहना
यूआईटी ने निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि 2020 में रियासतकालीन चिडिय़ाघर को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
बीजू जॉय, उपवन संरक्षक, वन्यजीव

Home / Kota / खुशखबरी: नए साल में कोटा के वन्यजीवों की होगी तरक्की, तोहफों की होगी बरसात

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो