भीड़ से गाइड लाइन की उड़ रही धज्जियां जिरियाट्रिक विभाग में कोविड मरीजों के लिए एक ही जगह पर सेम्पलिंग व ओपीडी-आईपीडी की सुविधा कर रखी है। यहां इमरजेंसी में यदि मरीज आता है तो उसके लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। कोविड सेम्पलिंग देने वाला, कोविड पॉजिटिव व कोविड नेगेटिव सब एक ही जगह पर एकत्रित हो जाते है। ऐसे में सभी को संक्रमण का खतरा बना रहता है। यहां दो काउंटर है, लेकिन भीड़ के आगे यह कम नजर आते है। ऐसे में मरीजों व तीमारदारों की भीड़ का जमावड़ा लग जाता है। ऐसे में यहां कोरोना गाइड लाइन की पालना नहीं हो रहा है।
फटे गद्दे, टूटे स्टेक्चर व वेन्टिलेटर भी खराब मेडिसिन रेस्पेक्ट्री वार्ड-214 में बेड पर फटे गद्दे हुए है। जबकि चद्दरे भी पुरानी है। सर्जिकल आईसीयू में 10 बेड है। इनमें करीब 16 वेन्टिलेटर है। इनमें से 4 वेन्टिलेटर खराब पड़े है। यहां टूटे बेड पर ही मरीज का इलाज हो रहा है। बेड को ईट के सहारे जुगाड़ से टिका रखा है। इनको सुधारने वाला कोई नहीं है। जिरियाट्रिक विभाग, एसएसबी ब्लॉक के बाहर परिसर में मरीजों के अंदर वार्ड में लाने ले जाने के लिए स्ट्रेचर रखे हुए है। इनमें कई के पैर टूटे है। किसी में जंग लगे है।
शौचालयों पर ताले पूरे अस्पताल में सभी शौचालयों पर ताले लटके हुए है। कोई भी शौचालय खुला हुआ नहीं है। ऐसे में मरीजों व तीमारदारों को जनसुविधा के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ती है।
नहीं मिलते वार्ड ब्वायज, खुद खींचना पड़ता सिलेण्डर नए अस्पताल के गेट नम्बर 2 से मरीज गंभीर आने वाले मरीजों को वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। एम्बुलेंस आती है, लेकिन यहां किसी वार्ड ब्वायज की ड्यटी नहीं है। ऐसे में तीमारदारों को खुद स्ट्रेचर पर लेकर सिलेण्डर हाथ में पकड़कर वार्डों में मरीजों को भर्ती कराना पड़ा है। जबकि यहां वार्ड ब्वायज की ड्यूटी होनी चाहिए, ताकि सीधे मरीजों को वह वार्डों में लेकर जा सके।