9 दिन में 635 किमी
रामगंजमंडी से सूरत की दूरी 635 किमी है। श्रमिकों ने यह दूरी साइकिल से 9 दिन में पूरी की। मथुरा जाने के लिए उन्हें अभी 442 किमी सफर और तय करना पड़ेगा जिसमें 6 दिन का समय लगेगा। प्रतिदिन 70 किमी का सफर साइकिल से तय करने वाले मथुरा निवासी युवकों का कहना है कि लॉकडाउन खुलने पर दुबारा रोजगार मिलने की आस थी, लेकिन लॉकडाउन की अवधि बढ़ी तो जैसे-तैसे जुगाड़ करके तीन साइकिलें खरीदी और 30 अप्रेल से यात्रा प्रारंभ कर दी। साइकिल सवारों ने अपना नाम तो नहीं बताया लेकिन यह जरुर कहा कि अपना घर अपना होता है। रोजगार के लिए घर छोड़ा जब रोजगार नहीं है तो सूरत में क्यों रुकें। थका देने वाली लंबी यात्रा के बावजूद घर पहुंचने का जूनून कम नहीं हुआ है।
यहां भी खरीदी साइकिल
उत्तरप्रदेश के गोड़ा जिला निवासी 12 श्रमिकों ने घर जाने के लिए पुरानी साइकिलें खरीदी। इन श्रमिकों ने रामगंजमंडी के विकास शर्मा के भाई के मकान में पीओपी का कार्य किया था। ये पैदल जाने को तैयार हुए तो विकास ने श्रमिकों को खाद्यान्न सामग्री के लिए रकम उपलब्ध कराई। लॉकडाउन की अवधि तीसरी बार फिर बढ़ी तो फिर उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध कराया। इस बीच श्रमिकों ने पुरानी साइकिल खरीदी और यात्रा करने का मानस बनाया।