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यूं समझिये गणित : कोटा में 254 बसों को सिटी परमिट जारी किया गया है। इसमें से 34 बसें नगर निगम की हैं। कुछ चुनिंदा बसों को छोड़ भी दिया जाए तो करीब 200 बसें शहर के तय रूट की बजाय पूरे दिन वाणिज्यिक संस्थानों में चल रही हैं। इन बसों की चैंकिंग कार्रवाई कर पंचनामा बनाकर प्रति बस 32 हजार रुपए महीना पैनल्टी वसूला जाए तो यह राशि 64 लाख रुपए महीना बैठती है। साल में यह आंकड़ा 7.68 करोड़ रुपए बैठता है। जाहिर है, मिलीभगत से सरकार को बड़ी राजस्व चपत लगाई जा रही है। यह भी पढ़ें
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