मनमोह लेती है यहां बहती मेज नदी
बड़ाखेड़ा. प्रकृति की रचना अदभुद है। जिसे देखकर लोगों का मन बरबस ही आनन्दित हो जाता है। ऐसा ही रमणीक प्रकृति के सौन्दर्य को प्रकट करता दृश्य बड़ाखेड़ा से कुछ दूर सहणपुर गांव में नजर आता है।
मनमोह लेती है यहां बहती मेज नदी
बड़ाखेड़ा. प्रकृति की रचना अदभुद है। जिसे देखकर लोगों का मन बरबस ही आनन्दित हो जाता है। ऐसा ही रमणीक प्रकृति के सौन्दर्य को प्रकट करता दृश्य बड़ाखेड़ा से कुछ दूर सहणपुर गांव में नजर आता है। यहां हरे भरे खेतों में मौसम की अंगडाई के साथ धरती के आंचल से निकलती फसल की पौध मन को हर्षित कर देती है, वहीं सर्पाकार बहती मेज नदी का विहंगम दृश्य मन को रोमांचित कर देता है। इसी क्षेत्र में बाघ की चहलकदमी और भी ज्यादा चर्चा में रहती है। मेज नदी, सहणपुर गांव पहाड़ों की लम्बी शृृंखला के बीच बसा है, जो इस गांव को विशेष बना देती है। सहणपुर गांव के पास मेज नदी मांडलगढ़ (भीलवाड़ा) से अपना सफर तय करके चम्बल नदी में समाहित हो जाती है। इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। बरसात में यहां प्रकृति अपने कई मनमोहक रूप दिखाती है। चहुंओर हरियाली और बीच में बहती मेज नदी लोगों का ध्यान आकृष्ट कर लेती है।
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