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कोटा

घोटालों पर पर्दा डालने के लिए भी घोटाला ! पढ़िए इन सहकारी समितियों के कारनामों का खेल…

चार्टर्ड एकाउन्टेंट्स की भूमिका पर भी उठे सवाल, कैसे जारी कर दी फर्जी ऑडिट

कोटाMar 28, 2019 / 10:15 pm

Suraksha Rajora

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घोटालों पर पर्दा डालने के लिए भी घोटाला ! पढ़िए इन सहकारी समितियों के कारनामों का खेल…

कोटा. कोटा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. (कोटा डेयरी) से जुड़ी दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में घोटालों पर पर्दा डालने के लिए नए तरीके का खेल शुरू हो गया है। इस कारण घोटाले फाइलों में ही दफन हो रहे हैं। फर्जीवाड़े की आशंका के चलते सहकारिता विभाग ने कुछ दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की ऑडिट (अंकेक्षण) की जांच की तो ऑडिट ही फर्जी निकली।
यानी सहकारी समितियों में अब नए तरीके से घोटाले शुरू हो गए हैं। इस तरह के मामले सामने आने के बाद विभाग ने दोषी समितियों के व्यवस्थापकों व फर्जी ऑडिट करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के लिए कोटा डेयरी के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है। फर्जी ऑडिट जारी करने से चार्टर्ड एकाउन्टेंट्स की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

सहकारी समितियां कोटा खण्ड के क्षेत्रीय अंकेक्षण विभाग को जिले की दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में गड़बडि़यों को दबाने के लिए विभाग में फर्जी अंकेक्षण रिपोर्ट पेश करने की शिकायतें मिली थी। इसकी जांच करवाई तो अब तक नौ समितियों की ऑडिट फर्जी निकली है। इस फर्जीवाड़े की रिपोर्ट सरकार को भी भेज दी गई है।

जिले की नौ समितियों की फर्जी ऑडिट

विशेष लेखा परीक्षक कोटा के कार्यालय में १२६ दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की रिपोट्र्स प्रेषित की गई। जिले की धाटोलिया दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति, पानाहेड़ा, तहरोली, डाबरीखुर्द, मडांप, नहरिया, कोटड़ी, मोईखुर्द तथा रोलाना सहकारी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति की ऑडिट वर्ष २०१७-१८ में फर्जी ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर पेश की गई है।

फर्जी निकली ऑडिट
इन समितियों की ऑडिट रिपोर्ट सीए हितेष कुमार जैन की ओर से तैयार करने की रिपोर्ट दी गई। विभाग के अधिकारियों से इस बारे में सीए जैन से ऑडिट की जानकारी ली तो उन्होंने इन समितियों की ऑडिट नहीं करना बताया है।
उन्होंने विभाग को पत्र लिखकर अवगत कराया कि उन्होंने केवल बोरिनाकलां दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति की ऑडिट की है। अन्य किसी समिति की ऑडिट नहीं की। उनके नाम से फर्जी ऑडिट रिपोर्ट पेश की गई है। किसी अन्य व्यक्ति की ओर से उनके फर्जी हस्ताक्षर एवं सील का इस्तेमाल कर कूट दस्तावेज से मिलीभगत कर फर्जी ऑडिट रिपोर्ट पेश की गई।

गबन की आशंका जताई

अंकेक्षण विभाग ने डेयरी एमडी को भेजे पत्र में कहा कि फर्जी ऑडिट मामले में कर्मचारियों, अधिकारियों एवं अन्य संबंधित के खिलाफ नियमानुसार एफआईआर दर्ज करवाई जाए। फर्जी एवं कूटरचित ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के पीछे गबन एवं दुरुपयोग को छिपाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। अत: सभी नौ समितियों का रिकॉर्ड विशेष लेखा परीक्षक कोटा के कार्यलय में प्रस्तुत किया जाए, ताकि विभागीय अंकेक्षण की नियुक्ति कर समितियों का अंकेक्षण करवाया जा सके।

व्यवस्था बदलते ही शुरू हो गया खेल
पहले सहकारिता विभाग के अंकेक्षण विभाग की अनुसार सालाना ऑडिट की जाती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों से कोटा डेयरी प्रबंधन की अनुशंसा पर चार्टर्ड एकाउन्टेंट से ऑडिट करवाई जाने लगी है। सीए समितियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अघोषित अनुबंध कर लेते हैं। वह अपने हिसाब से सब कुछ अच्छा बताते हुए ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर सीए की मुहर लगाकर विभाग में पेश कर देते हैं।

कार्रवाई के लिखा

अभी तक के परीक्षण में जिले की नौ दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की फर्जी ऑडिट तैयार करने की पुष्टि हो चुकी है। इसके लिए कार्रवाई के लिए डेयरी एमडी को लिखा गया है। साथ ही, पूरी रिपोर्ट रजिस्ट्रार को भेज दी गई है। अन्य समितियों की ऑडिट की भी जांच की जा रही है।
– सत्यवीरसिंह, क्षेत्रीय अंकेक्षण अधिकारी, सहकारी समितियां कोटा

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