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कोटा

मनरेगा या मजाक…तालाब खोदकर उसी को भर रहे!

ऐसे गहरा होगा तालाब : अटरू व मूण्डला में चल रहे मनरेगा कार्य में मनमानी

कोटाMay 26, 2020 / 12:04 am

mukesh gour

मनरेगा या मजाक...तालाब खोदकर उसी को भर रहे!

मनरेगा या मजाक…तालाब खोदकर उसी को भर रहे!

अटरू. यदि तालाब की मिट्टी खोदकर फिर से अगर तालाब में डाली जाए तो क्या तालाब गहरा होगा? नहीं ना…पर अटरू व मूंडला में चल रहे मनरेगा कार्र्यों में यही चमत्कार करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, यहां बुधसागर तालाब और मूंडला गांव में मनरेगा कार्यों के तहत तीन तालाबों को गहरा करने का कार्य चल रहा है। पत्रिका संवाददाता ने सोमवार को जब इन तीनों जगह का जायजा लिया तो ये नजारा सामने आया। यहां काम कर रहे सेंकड़ों श्रमिक दिशा-निर्देशों के अभाव में तालाब की मिट्टी खोदकर पाल पर डालने की जगह वहीं पास में डाल रहे थे।
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होगी मेहनत बेकार
कुछ दिनों बाद या अगले माह जब बारिश होगी तो यही मिट्टी फिर से पानी के साथ तालाब की गहराई को पाट देगी। तीनों जगह 15 दिन से से भी अधिक समय से नरेगा का काम चल रहा है। इस अवधि में कई अधिकारी आए और गए, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अटरू में बुधसागर तालाब बड़े भूभाग पर फैला है। यहां हर साल नरेगा केे तहत खुदाई पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। हर बार खुदाई तालाब के ही पास कराई जाती है। इससे तालाब अन्तिम छोर पर गहरा नहीं हो पाता। जानकारों का मानना है कि तालाब के अंतिम छोर की भी खुदाई कराई जाए। चाहे नरेगा श्रमिको से लंबाई-चौडाई-गहराई कम ले ली जाए, लेकिन तालाब से निकलने वाली मिट्टी पाल पर ही डाली जाए, जिससे तालाब गहरा हो तो गर्मी के समय अधिक दिनों तक पानी रह सके।
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निर्धारित नहीं है, समय
मूंडला रोड स्थित तालाब पर श्रमिकों से काम करा रही मेट सिमरन व पवन चक्रधारी बताते है कि मेट का तो समय प्रात: 6 से दोहपर 1 बजे तक निर्धारित है। श्रमिकों का समय निर्धारित नहीं है। ऐसे में कितने ही श्रमिक तो तडके चार-पांच बजे आकर गड्ढा खोदने लगते हैं और मिट्टी तालाब में ही डाल जाते हंै। सुबह 6 बजे आने वाले अधिकांश श्रमिकों से हम बार-बार कहते है, लेकिन वह नहीं सुनते।
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मिट्टी तो तालाब की पाल पर ही डलना चाहिए, ताकि तालाब गहरा हो। अगर ऐसा नहीं होगा तो बारिश से मिटटी बहकर फिर से तालाब में नहींं आए। अगर अटरू व मूण्डला में ऐसा हो रहा है तो दिखवाते हंै।
बृजमोहन बैरवा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बारां
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