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कोटा

राजस्थान में यहां चंबल किनारे प्यासे लोग

बिजली के तारों की तरह ओवरहैड हो गई पाइप लाइन, कोटा के अनंतपुरा, प्रेम नगर व आवासीय योजना में पेयजल समस्या

कोटाMay 25, 2020 / 01:32 am

Jaggo Singh Dhaker

Chambal River

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कोटा. एक ओर कोरोना महामारी के संकट का दौर है, दूसरी ओर बढ़ती गर्मी के साथ शहर के कई इलाकों में पानी के लिए मारामारी भी शुरू हो गई है। कहीं एक दिन छोड़ दूसरे दिन पानी मिल रहा है तो कहीं दिनभर में घंटा भर भी नहीं। कई जगहों पर टैंकर भेजे जा रहे हैं, लेकिन यह क्षेत्र की आबादी में ऊंट के मुंह में जीरे के समान हैं। इन हालातों के चलते लोगों को दूर से पानी भरकर ढोना पड़ रहा है। शहर में ऐसी एक-दो नहीं, आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियां हैं, जहां लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। कई जगह कोरोना के संक्रमण के खतरे के बीच पानी भरने के लिए बर्तनों की लाइन लगानी पड़ रही है। रविवार को कई क्षेत्रों में इसी तरह के हालात नजर आए हैं। अनंतपुरा तालाब, प्रेमनगर अफोर्डेबल आवासीय योजना, प्रेम नगर तृतीय घोड़ा बस्ती समेत कई इलाकों में गत दिनों से पेयजल का संकट सिर चढ़कर बोलने लगा है। स्थिति यह है कि लोगों को कई बार पानी के लिए इधर उधर डोलना पड़ता है।
प्रेमनगर तृतीय क्षेत्र के हालात
जलदाय विभाग क्षेत्र के हालात वर्षों से नहीं सुधार नहीं पा रहा है। पूरे इलाके में हर वर्ष गर्मी आने के साथ ही पानी का संकट मंडराने लगता है। क्षेत्र के वाशिंदों ने बताया कि दिनभर में एक घंटे पानी आता है। इससे काम नहीं चलता। नहाने धोने के लिए सरकारी हैंडपंप का सहारा लेना पड़ता है। यहां एक सरकारी हैंडपंप बताया है, लोगों ने जुगाड़ कर हैंडपंप से लाइनें डाल दी। इससे पानी की भरपाई कर रहे हैं। हालात प्रेमनगर द्वितीय के भी हालात कुछ इसी तरह के हैं। क्षेत्र में स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर क्षेत्र में तो जलदाय विभाग का पानी ही नहीं पहुंचा है। यहां ट्यूबवेल के पानी से लोग प्यास बुझाने को मजबूर है। यहां दोपहर में भी महिलाओं की लाइन लगी रहती है। प्रेमलता समेत क्षेत्र की अन्य महिलाओं ने बताया कि वर्षों से हम लोग पानी की समस्याओं को झेल रहे हैं।
शिकायत की, समाधान पेंडिंग
डीसीएम क्षेत्र स्थित प्रेमनगर आवासीय योजना के हालात काफी खराब नजर आए। नगर विकास न्यास द्वारा बसाई गई कॉलोनी में लोग वर्षों से पानी के लिए परेशान रहते हैं। न जलदाय विभाग ने न ही नगर विकास न्यास ने पानी की समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया। हालात ये हैं कि भरी दोपहर हो या रात जरूरत के लिए पानी के लिए भागना पड़ता है। लोगों ने बताया कि कुछ ब्लॉक में तो एक दिन छोड़ दूसरे दिन पानी आता है, कुछ में कभी 10 मिनट तो कभी 20 मिनट पानी आता है। लोगों को गर्मी में दूर से पानी ढो कर लाना पड़ता है। वृद्धा बादाम बाई ने बताया कि में किरण सेन, अनिता संजू मीणा, यमुनाशंकर व अन्य लोगों ने बताया कि समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए। यमुना शंकर ने बताया कि नगर विकास न्यास में शिकायत की है, समाधान अभी पेंडिंग चल रहा है।
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ऊपरी मंजिल पर टंकियां खाली
योजना में 4-4 मंजिल पर फ्लेट्स हैं। इनमें उपरी मंजिल के लोगों के लिए तो पानी की बड़ी समस्या है। उपर की टंकियां हमेशा खाली ही रहती है। लोगोंं ने घरों के बाहर टंकियां जमा रखी है। मोटर चलाकर उपर पानी चढ़ाना पड़ता है। कई बार तो पानी नीचे से उपर तक ढोना भी पड़ता है।
5 हजार से अधिक फ्लेट
योजना परिसर में बने उच्चजलाशय के पास पानी भरने के लिए लंबी कतार देखी गई। बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष पानी भरने के लिए आए हुए थे। लोगों ने बताया कि यहां रोज 10-11 बजे के बाद पानी के लिए जमावड़ा हो जाता है।
सोसायटी के सचिव अजय गोस्वामी ने बताया कि योजना के तहत 5500 के करीब फ्लेट हैं। मात्र ढाई से तीन लाख लीटर जलापूर्ति होती है। एक दिन छोड़ कर एक दिन पानी आता है। यहां मकान लेकर जैसे हमने कोई गुनाह कर दिया। कोरोना के बीच लोगों को घर से बाहर निकलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि कोरोना की वजह से कहीं जा भी नहीं सकते।
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खरीदना पड़ रहा पानी
अनंतपुरा तालाब में कई जगहों पर पर पाइप लाइन पहुंच चुकी, लेकिन एक भाग है जिसमें जलापूर्ति नहीं हैं। यहां लोगोंं को पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। निजी बोरिंग से लोग 300 से 500 रुपए देकर पानी खरीदते हैं। यहां के हालात ये हैं कि बिजली के तारों की तरह हवा मेंं पानी के पाइप गुजर रहे हैं। रेणु महावर, जगदीश व मुकेश ने बताया कि बस्ती को बसे बरसों हो गए पर अभी तक पानी नहीं आया। बरसात में जरूर कॉलोनी में पानी भरता है। यहां जगह जगह बोरिंग के कनेक्शनों का जाल देखा गया।

पुलिस की निगरानी में मिलता है पानी
शहर के मध्य में स्थित घोड़ा वाला बाबा बस्ती की स्थिति काफी विकट हैं। यहां पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में लोग टैंकर से पानी भरते नजर आए। लोगों ने बताया कि बस्ती शहर के बीच है इसके बावजूद दिनभर पानी के लिए दौड़भाग करनी पड़ती है। बोरिंग के पानी के भरोसे चल रहे हैं। गत दिनों से यहां दो टैंकर पानी के आ रहे हैं, लेकिन महिला गीता व बाली बाई ने बताया कि क्षेत्र की आबादी को देखते हुए दो टैंकर पानी से कुछ नहीं होता। जून के बाद ही नलों में पानी आता है। दो माह से टैंकर आ रहे है। बालिका भूरी वह दूर से पानी भरने आती है। दिन भर में चार से पांच चक्कर काटने पड़ते हैं।
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कई जगह हैंडपंप भी खराब
अधिकत इलाकों में ले हैंडपंप भी खराब नजर आए। कोई जमीन में धंसा दिखा तो किसी में हत्था ही नहीं था। लोगों के अनुसार हैंडपंप का पानी पीने जैसा भी नहीं होता है। गर्मी में पानी सूख जाता है।
लोगों की डिमांड के अनुसार जलापूर्ति करने का प्रयास है। शहर में लोगों की डिमांड के अनुसार 27 टैंकर पानी भेजा जा रहा है।- अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग

फिलहाल शहर में पानी को लेकर कोई समस्या नहीं आई है। फिर भी आंवली, रोझड़ी प्रेम नगर समेत कुछ क्षेत्रों में टैंकर लगवा दिए गए हैं। प्रयास है कि लोग परेशान न हों।
– मोहनलाल मीणा, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग
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