जलदाय विभाग क्षेत्र के हालात वर्षों से नहीं सुधार नहीं पा रहा है। पूरे इलाके में हर वर्ष गर्मी आने के साथ ही पानी का संकट मंडराने लगता है। क्षेत्र के वाशिंदों ने बताया कि दिनभर में एक घंटे पानी आता है। इससे काम नहीं चलता। नहाने धोने के लिए सरकारी हैंडपंप का सहारा लेना पड़ता है। यहां एक सरकारी हैंडपंप बताया है, लोगों ने जुगाड़ कर हैंडपंप से लाइनें डाल दी। इससे पानी की भरपाई कर रहे हैं। हालात प्रेमनगर द्वितीय के भी हालात कुछ इसी तरह के हैं। क्षेत्र में स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर क्षेत्र में तो जलदाय विभाग का पानी ही नहीं पहुंचा है। यहां ट्यूबवेल के पानी से लोग प्यास बुझाने को मजबूर है। यहां दोपहर में भी महिलाओं की लाइन लगी रहती है। प्रेमलता समेत क्षेत्र की अन्य महिलाओं ने बताया कि वर्षों से हम लोग पानी की समस्याओं को झेल रहे हैं।
शिकायत की, समाधान पेंडिंग
डीसीएम क्षेत्र स्थित प्रेमनगर आवासीय योजना के हालात काफी खराब नजर आए। नगर विकास न्यास द्वारा बसाई गई कॉलोनी में लोग वर्षों से पानी के लिए परेशान रहते हैं। न जलदाय विभाग ने न ही नगर विकास न्यास ने पानी की समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया। हालात ये हैं कि भरी दोपहर हो या रात जरूरत के लिए पानी के लिए भागना पड़ता है। लोगों ने बताया कि कुछ ब्लॉक में तो एक दिन छोड़ दूसरे दिन पानी आता है, कुछ में कभी 10 मिनट तो कभी 20 मिनट पानी आता है। लोगों को गर्मी में दूर से पानी ढो कर लाना पड़ता है। वृद्धा बादाम बाई ने बताया कि में किरण सेन, अनिता संजू मीणा, यमुनाशंकर व अन्य लोगों ने बताया कि समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए। यमुना शंकर ने बताया कि नगर विकास न्यास में शिकायत की है, समाधान अभी पेंडिंग चल रहा है।
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ऊपरी मंजिल पर टंकियां खाली
योजना में 4-4 मंजिल पर फ्लेट्स हैं। इनमें उपरी मंजिल के लोगों के लिए तो पानी की बड़ी समस्या है। उपर की टंकियां हमेशा खाली ही रहती है। लोगोंं ने घरों के बाहर टंकियां जमा रखी है। मोटर चलाकर उपर पानी चढ़ाना पड़ता है। कई बार तो पानी नीचे से उपर तक ढोना भी पड़ता है।
5 हजार से अधिक फ्लेट
योजना परिसर में बने उच्चजलाशय के पास पानी भरने के लिए लंबी कतार देखी गई। बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष पानी भरने के लिए आए हुए थे। लोगों ने बताया कि यहां रोज 10-11 बजे के बाद पानी के लिए जमावड़ा हो जाता है।
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खरीदना पड़ रहा पानी
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पुलिस की निगरानी में मिलता है पानी
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अधिकत इलाकों में ले हैंडपंप भी खराब नजर आए। कोई जमीन में धंसा दिखा तो किसी में हत्था ही नहीं था। लोगों के अनुसार हैंडपंप का पानी पीने जैसा भी नहीं होता है। गर्मी में पानी सूख जाता है।
लोगों की डिमांड के अनुसार जलापूर्ति करने का प्रयास है। शहर में लोगों की डिमांड के अनुसार 27 टैंकर पानी भेजा जा रहा है।- अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग
– मोहनलाल मीणा, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग