सात ग्राम पंचायतों के बीच एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जावदा में है। ग्राम पंचायतों के करीब 50 से ज्यादा गांव व ढाणियों के रोगी व प्रसुताएं इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लाई जाती है। चिकित्सा विभाग की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एक 108 रोगी वाहन लगा रखा है। आधा दर्जन ग्राम पंचायत क्षेत्र में किसी प्रसुता को प्रसव पीड़ा हो या कोई बड़ी दुर्घटना, आपातकालीन चिकित्सकीय आवश्यकता पडऩे पर 108 पर सम्पर्क भी नहीं हो पाता। ग्रामीण निजी या किराए के वाहन से अस्पताल पहुंचते हैं।
दूरस्थ ग्राम पंचायतों में लगने वाला तीसरा बड़ा थाना जावदा है। लेकिन यहां भी नेटवर्क की समस्या है। थाने से संबंधित ऑनलाइन कार्य रावतभाटा थाने से किए जाते हैं। उक्त थाना क्षेत्र में बड़ी दुर्घटना या अपराध की होने पर अधिकांश समय तो फोन पर सम्पर्क करने में ही बीत जाता है और पीडि़त को समय पर मदद नहीं मिल पाती या अपराधी भागने में सफल हो जाता है।
यहां एकमात्र बीएसएनएल का मोबाइल टावर है। ग्रामीणों के अनुसार टावर की नियत परिधी में ही नेटवर्क मिलते हैं। बिजली बंद होने के साथ ही नेटवर्क भी गायब हो जाते हैं। टावर को विद्युत आपूर्ति देने के लिए जनरेटर चालू करने वाले कर्मचारी के अभाव में बस विद्युत आपूर्ति सुचारु होने तक इंतजार करना पड़ता है।