इससे सबसे ज्यादा खतरा वृद्धों को है, इसलिए चिकित्सकों ने कोविड-19 के पूर्णकालिक प्रबंधन के लिए जागरूकता फैलाने और विश्वास कायम करने के लिए पंचायतों और बुजुर्गों के साथ मिलकर काम कर करने की जरूरत बताई है। नाई और सैलून चलाने वालों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद के कार्यों के लिए तैयार करने के लिए उन्हें कोविड-19 के मुताबिक उचित व्यवहार सहित प्रशिक्षण प्रदान करने की जरूरत है। स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों और अर्धसैनिक बलों के जवानों को आयुर्वेदिक प्रतिरक्षा बूस्टर प्रदान किए जाने चाहिए।
वहीं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के अनुसार टीकाकरण अभियान, टीबी के मामलों की जांच और उपचार, डायलिसिस रोगियों के लिए रक्तदान, कैंसर रोगियों के उपचार और गर्भवती महिलाओं की एएनसी के बारे में गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान पर ध्यान देने की आवश्यकता है। आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्रों का उपयोग उच्च रक्तचाप, मधुमेह और तीन प्रकार के कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए किया जा सकता है। वहीं केन्द्र ने राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने की सलाह दी है। राज्यों को यह भी सूचित किया गया कि गैर-कोविड आवश्यक सेवाओं के लिए और इन सेवाओं की उपलब्धता के बारे में सूचित करने आदि के लिए 1075 के अतिरिक्त हेल्पलाइन नंबर 104 का उपयोग शिकायत निवारण के लिए किया जा सकता है।