कोटा

जेल से बाहर निकलते ही वृद्ध को उतारा मौत के घाट, चाकू-तलवारों से काट, सड़क पर फेंकी खून से सनी लाश

Crime, Murder: आजीवन कारावास की सजा काटकर वृद्ध जैसे ही जेल से बाहर निकला तो अज्ञात लोगों ने उसे मौत के घाट उतार दिया।

कोटाOct 24, 2019 / 02:00 am

​Zuber Khan

जेल से बाहर निकलते ही वृद्ध को उतारा मौत के घाट, चाकू-तलवारों से काट, सड़क पर फेंकी खून से सनी लाश

केशवरायपाटन. बूंदी जिले के हिण्डोली क्षेत्र में सोमवार रात को एक युवक की हत्या की वारदात को पुलिस खोल भी नहीं पाई थी कि मंगलवार रात को केशवरायपाटन क्षेत्र में भी अज्ञात लोगों ने एक जने की हत्या कर दी। हत्या की वारदात को धारदार हथियारों से अंजाम दिया गया। पुलिस ने मृतक के पुत्र की रिपोर्ट पर अज्ञात जनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एएसआई भगवान सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह गुड़ला-चित्तौड़ रेलवे लाइन पर देहीत अंडरपास के नीचे खून से लथपथ एक जने का शव पड़ा होने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। शरीर पर धारदार हथियारों से कई वार किए गए थे। मौके पर काफी मात्रा में खून फैला हुआ था। संभवतया हथियारों से वार के बाद अधिक मात्रा में खून बहने से उसकी मौत हो गई। मृतक के पास मिली आइडी से उसकी पहचान देहीत गांव निवासी रामलाल मीणा (55) के रूप में हुई। इस पर मृतक के पुत्र को सूचना दी गई। इसके बाद शव को स्थानीय अस्पताल लाया गया, जहां पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने मृतक के पुत्र कृष्णमुरारी मीणा की रिपोर्ट अज्ञात जनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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जेल से बाहर आते ही मौत ने दबोचा
एएसआई सिंह ने बताया कि मृतक रामलाल मीणा मूल रूप से बाजड़ का निवासी था। बाजड़ में पुरानी रंजिश को लेकर 27 मार्च 1996 में रामलाल ने बाजड़ निवासी प्रभूलाल मीणा के छोटे भाई की पत्नी की हत्या कर दी थी। इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। आजीवन कारावास की सजा वह अजमेर जेल में काट रहा था। सजा पूरी होने के बाद वह 18 अक्टूबर को ही जेल से बाहर आया था। हत्या की वारदात के बाद रामलाल की पत्नी बाजज छोड़कर देहीत में रहने लगी थी। चार साल पहले पत्नी की भी हो गई। बच्चे मजदूरी कर पेट पाल रहे हैं।

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किराया नहीं होने से पैदल तय किया सफर
एएसआई सिंह ने बताया कि आजीवन कारावास की सजा पूरी होने के बाद 18 अक्टूबर को जेल रिहा हुआ। जेब में किराया नहीं होने से वह पैदल ही रवाना हो गया। 19 अक्टूबर को रात में पैदल जाते समय संदिग्ध नजर आने पर उसे मालपुरा पुलिस ने रोका तो परिजनों से बात करवाने पर उसे छोड़ दिया। 22 अक्टूबर को सुबह वह देहीत गांव आया। उसके बाद वह बाजड़ चला गया। शाम करीब सात बजे तक वह गांव में ही था।

मामले में अज्ञात जनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस सम्बंध में सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। शीघ्र ही वारदात का खुलासा किया जाएगा।
लखनलाल मीणा, थाना प्रभारी

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