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एसीबी ने नारकोटिक्स के कुँए में हाथ डाला तो तस्करों से गठजोड़ की खुलने लगी कड़ियां ,घूसखोरी के मसीहा सहीराम के साथी सुधीर यादव ने किया आत्म समर्पण

corruption चार माह बाद अफीम तस्करी कॉकस में शामिल नारकोटिक्स अधीक्षक सुधीर यादव ने किया आत्म समर्पण, तस्करों से था संबंध…
 
 

कोटाAug 27, 2019 / 09:25 pm

Suraksha Rajora

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कोटा. भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी से फरार चल रह नारकोटिक्स अधीक्षक सुधीर यादव ने मंगलवार को आखिरकार करीब साढ़े चार माह बाद एसीबी चौकी कोटा में आत्मसमर्पण कर ही दिया। एसीबी ने यादव को गिरफ्तार कर लिया। यादव को बुधवार को उदयपुर न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
प्रतापगढ़ में चल रहा नारकोटिक्स, तस्करों व किसानों से वसूली का खेल कोटा एसीबी द्वारा २६ जनवरी को नारकोटिक्स उपायुक्त डा.सहीराम मीणा व दलाल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में दबोचने के लिए मिले सबूतों के बात खुलता गया। रिमांड में आपस में संबंध के बारे में व मामले से जुडे अन्य विषयों पर विस्तार से पूछताछ की जाएगी।
एसीबी कोटा ने डा.सहीराम मीणा को दबोचने के दौरान जुटाए सबूतों के आधार पर ४ अपे्रल को चित्तौडग़ढ़ नारकोटिक्स ऑफिस में छापा मारकर सब इंस्टेक्टर भानू प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें से दलाल छगन जाट ने और उसके बाद हेड कांस्टेबल प्रवीण सिंह एसीबी के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके है, जबकि प्रतापगढ़ नारकोटिक्स अधीक्षक सुधीर यादव ने मंगलवार को आत्मसमर्पण कर दिया। अब एसीबी को तस्कर किशन जाट व उदयराम की तलाश है। जिनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 173 (4) के तहत कार्रवाई चल रही है।
एसीबी कोटा के एएसपी ठाकुर चंद्रशील प्रकरण की जांच कर रहे है। प्रकरण में जांच में एसीबी को पता चला कि भ्रष्टाचार के अलावा अधिकारियों द्वारा अफीम किसानों व मुखियाओं से काम के बदले न रुपयों के अलावा ऐशो-आराम की व्यवस्थाएं भी की जाती थी। भानू दफ्तर चित्तौडग़ढ़ में एक होटल पर, पेट्रोल पंप व आसपास के स्थानों पर लोगों को बुलवाकर सेटिंग करता था।
इसके अलावा विभागीय अधिकारियों की आपस में सेटिंग थी। जब डबल चेकिंग के लिए दूसरी टीम गांव में पहुंचती थी, तो उससे भानु की पहले ही बातचीत हो जाती थी। रुपयों के लेनदेन करके जांच की रिपोर्ट भी मनमाफिक तैयार करवा ली जाती थी। एसीबी के पास इसके पर्याप्त सबूत भी है।
दलाल छगन जाट करवाता था ठाठ –

इसके अलावा चित्तौडग़ढ़ के नारकोटिक्स घूसकांड में मुख्य तस्कर छगन जाट तस्करी के नेटवर्क का मुख्य सूत्रधार था। इन वार्ताओं से यह भी खुलासा हुआ कि इस पूरे गोरखधंधे में न सिर्फ नारकोटिक्स बल्कि चित्तौडग़ढ़ पुलिस के कई अधिकारियों की भी मिलीभगत थी। दो पुलिस अधिकारियों के नाम भी रिकॉर्डिंग्स में आए हैं। जिनकी छगन से रुपयों के लेनदेन को लेकर खुलकर बातचीत है।
एक पुलिस अधिकारी तो खुद अफीम का शौकीन था और वह बार-बार छगन से पीने के लिए अफीम मांगता था। कपासन तहसील के गौराजी का निंबाहेड़ा निवासी छगन के यहां से तलाशी में एसीबी को 21 लाख 72 हजार रुपए मिले थे। जांच में एसीबी ने माना है कि उक्त रकम अवैध तरीके से अफीम व डोडा तस्करी के जरिए कमाई गई थी।
एसीबी ने पूरी तैयारी कर मारा छापा –
एसीबी को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि नारकोटिक्स विभाग के कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों का तस्कर से गठजोड़ है। जो नारकोटिक्स ड्रग्स, अफीम, डोडा-चूरा आदि की तस्करी करते हैं। इस गठजोड़ संबंधित सूचनाएं प्राप्त होने पर जयपुर, कोटा, बांसवाड़ा, राजसमंद एवं चित्तौडगढ़़ की टीमों ने विभिन्न स्थानों पर दबिश दी।
इधर सूत्रों का कहना है कि अफीम तस्कर किसानों से अवैध अफीम एक से डेढ़ लाख रुपए किलो के भाव से खरीदते हैं। कई बार गांव का ही एक व्यक्ति अलग-अलग भावों में अफीम इक_ी कर तस्करों को पहुंचाता है। जबकि सरकारी दर के हिसाब से अफीम ग्रेड के अनुसार करीब दो से साढ़े तीन हजार रुपए प्रतिकिलो व उससे अधिक दाम पर खरीदी जाती है। नशे की मंडी में ग्राहक देखकर माल तय होता है। काश्तकार जानकार लोगों को असली अफीम देते हैं, जबकि अनजान और नए लोगों को कई बार मिलावटी पकड़ा दी जाती है।
खराब फसल की हंकाई के नाम पर खेल –

एसीबी को जांच में पता चला कि सुधीर यादव प्रतापगढ़ में केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग में अधीक्षक और फसल हंकाई कार्य टीम के साथ चित्तौडग़ढ़ में है। घर भी चित्तौडग़ढ़ में ही है और पूर्व में चित्तौडग़ढ़ में विभिन्न पदों पर नियुक्त रह चुका है वहीं उपनिरीक्षक भानुप्रताप चित्तौडग़ढ़ खंड द्वितीय में नियुक्त है, तो प्रवीणसिंह प्रतापगढ़ में नियुक्त होकर चित्तौडग़ढ़ में प्रतिनियुक्त पर खराब फसल की हंकाई टीम में कार्यरत था।
साथ ही कोटा में नियुक्त रामविलास भी चित्तौडग़ढ़ में हंकाई टीम में नियुक्त था। वहीं गोराजी का निंबाहेड़ा गांव का छगनलाल जाट अफीम उत्पादक किसान मुखिया है। जो टीम का खास है और किसानों और नारकोटिक्स के बीच दलाली का काम करता था।

-भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी से फरार च ल रहे नारकोटिक्स अधीक्षक सुधीर यादव ने मंगलवार को एसीबी कोटा में आत्मसमर्पण कर दिया है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। बुधवार को उसे उदयपुर न्यायालय में रिमांड के लिए पेश किया जाएगा।
– ठाकुर चन्द्रशील, एसीबी, कोटा, सिटी

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