जानकारी के अनुसार, कर्बला निवासी जलालुद्दीन की गर्भवती पत्नी के तीन दिन पहले ऑपरेशन के दौरान बच्चे के सिर पर कट लगा था। सिर पर टांके भी लगाए। उसके बावजूद भी डॉक्टरों ने लापरवाही दिखाई और समय पर उसका इलाज नहीं किया। जिसके कारण बच्चे में संक्रमण फैल गया।
उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि जब चिकित्सकों को इस बारे में बताया तो उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। समय पर इलाज नहीं मिलने पर उसकी मौत हो गई। इस दौरान अस्पताल के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। हंगामे को देखते हुए मौके पर नयापुरा पुलिस पहुंची और परिजनों से समझाइश की, उसके बाद मामला शांत हुआ।
पहले भी हो चुके हंगामे – 8 नवम्बर को छावनी निवासी गर्भवती अनिता को रात 12 बजे रक्त स्त्राव होने पर जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया था। परिजनों का आरोप था कि ड्यूटी डॉक्टर व नर्स ने ध्यान नहीं दिया और नवजात की मौत हो गई। परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया था।
– 11 नवम्बर को जेकेलोन अस्पताल में बूंदी जिले के लाडपुर निवासी गर्भवती द्वारिका बाई को सांस में दिक्कत आने पर चिकित्सकों ने भर्ती नहीं करने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा कर दिया था। बाद में द्वारिका बाई की मौत हो गई।
– इनका यह कहना – परिजनों का चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप बेबुनियाद है। प्रसूता की तीन दिन पहले ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी। आज दूध पिलाकर सुलाया था। कई बार दूध पिलाकर थपथपी दी जाती है, लेकिन नहीं दी गई। बच्चे की सांस नली में दूध चले जाने से मृत्यु हुई है।
– डॉ. ममता शर्मा, विभागाध्यक्ष, गायनिक विभाग – अस्पताल में बच्चे की मौत पर हंगामे की सूचना मिली थी। परिजनों का अरोप था कि बच्चे के सिर पर लगने से मौत हुई है। चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया। यदि परिजनों की ओर से रिपोर्ट मिलती है तो पोस्टमार्टम व मामला दर्ज कर कार्रवाई करेंगे।
– गिरिराज मीणा, एएसआई, नयापुरा थाना