वाहन चालकों के लाइसेंस, चलाने की क्षमता सहित अन्य जानकारी विद्यालय प्रशासन, शिक्षा विभाग व प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता। ऐसे में स्कूली वाहनों का संचालन वाहन मालिकों के मनमाफिक चालकों से करवा लिया जाता है। जिससे बच्चों की जान खतरे में रहती है।
क्षेत्र में करीब २४ से अधिक निजी विद्यालय है। इनमें बाल वाहिनियां नहीं होने से बच्चे असुरक्षित सफर कर रहे हैं। वाहनों में जुगाड़ी व्यवस्था
स्कूली वाहनों में निर्धारित सीटों के अलावा भी बस चालकों की ओर से अधिक बच्चों को बैठाने के लिए लकड़ी की बेंचे या जुगाड़ कर अतिरिक्त व्यवस्था कर दी जाती है। इससे बच्चे बसों में सही से नहीं बैठ पाते और बे्रक लगने पर कई बार चोटिल हो जाते हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से बच्चे लाने में लगी बसों में क्षमता से अधिक बैठाने से बच्चों को मुश्किल भरा सफर तय करना पड़ रहा है।
देवकीनंदन गौड़, बीईईओ, भैंसरोडग़ढ़।