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रकबा घटा तो हाड़ौती में मुस्कुराया धनिया, तीन माह में 1500 रुपए की तेजी

लहसुन, उड़द में गत वर्षों में किसानों की रुलाई के चलते देश भर में चर्चा में आए हाड़ौती में इस बार धनिया खुशखबरी दे रहा है। धनिया बुवाई का रकबा घटने से मंडी में आवक प्रभावित होने का सीधा असर भावों में दिखाई देने लगा है।

कोटाMay 18, 2019 / 01:05 am

Dhitendra Kumar

kota

रकबा घटा तो हाड़ौती में मुस्कुराया धनिया, तीन माह में 1500 रुपए की तेजी

कोटा.

लहसुन, उड़द में गत वर्षों में किसानों की रुलाई के चलते देश भर में चर्चा में आए हाड़ौती में इस बार धनिया खुशखबरी दे रहा है। धनिया बुवाई का रकबा घटने से मंडी में आवक प्रभावित होने का सीधा असर भावों में दिखाई देने लगा है। तीन माह के अंतराल में धनिए के भावों में 1500 रुपए क्विंटल की तेजी आ चुकी है।
देश में धनिया पैदावार करने वाले राज्यों में हाड़ौती संभाग व मध्यप्रदेश के करीब 9 जिले मुख्य हुआ करते थे। गुजरात, महाराष्ट्र ने दखल दिया तो बुवाई का रकबा बढऩे लग गया। खपत के मुकाबले आवक अधिक हुई तो भावों की रंगत फीकी होने लगी। वर्ष 2017-18 में अकेले गुजरात में धनिया की पैदावार बढऩे से भाव रंगत में नहीं आ पाए।
रामगंजमंडी में विशिष्ट श्रेणी की धनिया मंडी में सीजन के समय आवक शुरू हुई तो व्यापारियों ने स्टॉक प्रवृत्ति को देखकर धनिया की खरीद के प्रति रुचि दिखाई लेकिन पूरे साल में जिस भाव में धनिया व्यापारियों ने खरीदा था वह भाव आने मे पूरा साल बीत गया। खरीद से कम दर तक पहुंचे धनिए के भावों ने व्यापारियों का चैन लूट लिया।
यूं मिली राहत
वर्ष 2018-19 में गुजरात में धनिया की बुवाई घटने व वहां के किसानों का जीरे की बुवाई के प्रति रुझान बढऩे से राहत मिली। इस बीच हाड़ौती संभाग से भी धनिए का रकबा घटने का समाचार आया तो व्यापारियों की निगाहें हाड़ौती की पैदावार पर आ गई। रामगंजमंडी की मंडी में अन्य सालों की तुलना में सीजन के समय मे कम आवक ने व्यापारियों का मनोबल बनाए रखा तो मसाला कंपनियों की खरीदारी के जोर ने उसे संबल प्रदान किया।
तीन माह का ऐसा लेखा जोखा-

रामगंजमंडी धनिया मंडी में बीते तीन माह में धनिया के भावों में 1500 रुपए की तेजी आई है। नए धनिए की आवक का दौर मंडी में जब शुरू हुआ तो सूखा बादामी धनिया मंडी में 5100 से 5400 रुपए तक खुली नीलामी में बिका। मार्च के अंतिम दिनों में बादामी धनिए के भाव 5700 से 5900 रुपए तक पहुंचे। अप्रेल में 200 रुपए के उछाल के साथ भाव औसतन 5900 से 6100 रुपए बने रहे। मई में आवक घटने लगी तो भावों में 8 मई के बाद तेजी की धारणा बनने लगी। 17 मई को बादामी धनिए के भाव इस सीजन में शिखर पर पहुंचकर 6600 से 6800 रुपए तक पहुंच गए।

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