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कोटा

Jhalawar Happy Index…अब जिंदगी झालावाड़ नहीं, झालावाड़ ही जिंदगी

कभी आने से डरते थे, अब पसंदीदा बन गया है हमारा शहर

कोटाJul 11, 2021 / 04:34 pm

Ranjeet singh solanki

Jhalawar Happy Index...अब जिंदगी झालावाड़ नहीं, झालावाड़ ही जिंदगी

Jhalawar Happy Index…अब जिंदगी झालावाड़ नहीं, झालावाड़ ही जिंदगी

झालावाड़. पिछले दो दशक के दौरान झालावाड़ शहर की तस्वीर बदल गई है। प्रदेश में पहले पिछड़े जिलों में शुमार था, लेकिन 2003 के बाद झालावाड़ शहर की तस्वीर बदलने का काम शुरू हुआ है। देखते ही देखते हैं शहर में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। आज झालावाड़ शहर प्रदेश के बेहतर शहरों में शुमार है। आधुनिक विकास की झलक इस शहर में देखने को मिलती है। रहने की दृष्टि से शहर बेहतर है। यही कारण है कि पिछले सालों से नौकरीपेशा लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। रहने के दृष्टि से शहर में सभी आधारभूत सुविधाएं है। चौड़ी सड़कें, पानी-बिजली की बेहतर आपूर्ति। सड़क और रेलमार्ग से अच्छी कनेक्टिविटी। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट इस शहर में है। राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण एयरपोर्ट का काम फिलहाल अटका पड़ा हुआ है। स्वास्थ्य सेवाओं में झालावाड़ शहर अपनी श्रेणी में श्रेष्ठ है। मेडिकल कॉलेज, एसआरजी अस्पताल और जनाना अस्पताल है। इस शहर की जनसंख्या कभी ऋणात्मक थी, लेकिन पिछले कई दशकों से लगातार जनसंख्या बढ़ रही है। विश्व जनसंख्या दिवस पर पेश है शहर की एक विशेष रिपोर्ट :
झालावाड़ से ज्यादा जनसंख्या वृद्धि दर झालरापाटन की थी
झालावाड़ व झालरापाटन नगरों की वर्ष 1961 के बाद जनसंख्या निरंतर बढ़ रही है, जबकि 20 वीं शताब्दी के प्रारम्भिक दशकों में वृद्धि दर बहुत ही कम थी। यहां तक की वर्ष 1911 व 1921 में ऋणात्मक थी। क्योंकि उस समय पूरे राजस्थान में महामारी, सूखे आदि का प्रकोप था। वर्ष 1961 से पहले झालरापाटन की जनसंख्या वृद्धि दर झालावाड़ की अपेक्षा अधिक रही है, जो यह दर्शाता है कि झालरापाटन 1961 तक व्यापार व उद्योग के रूप में आगे था। बाद में प्रशासनिक केन्द्र, सांस्कृतिक एवं संस्थागत गतिविधियों के कारण झालावाड़ शहर में तेजी से वृद्धि होना शुरू हुआ।
आवासीय क्षेत्रफल 546 एकड़ में
दोनों शहरों का कुल शहरी निकाय क्षेत्र करीब 33.12 वर्ग किलामीटर यानी 8,184 एकड़ है। दोनों नगरों का नगरीयकृत क्षेत्र लगभगत 4,792 एकड़ है व विकसित क्षेत्र 4,537 एकड़ है। झालरापाटन का अवासीय क्षेत्रफल लगभग 278 एकड़ व झालावाड़ का आवासीय क्षेत्रफल लगभग 546 एकड़ है। इस प्रकार नगरीय क्षेत्र में झालवाड़ व झालरपाटन का कुल आवासी क्षेत्रफल लगभगत 824 एकड़ है, जो कि विकसित क्षेत्र का 18.16 प्रतिशत है। झालावाड़ व झालरापाटन में नगरीय क्षेत्र में औद्येगिक क्षेत्र का क्षेत्रफल नगरीय क्षेत्रफल का सर्वाधिक लगभगत 1,678 एकड़ है, जो कि विकसित क्षेत्र का 36.99 प्रतिशत है। इस कारण यहां 1200 मेगावाट का सुपर थर्मल पावर स्टेशन है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 1,064 एकड़ है। परिवहन, आयात उपयोग नगरीय भू उपयोग का प्रमुख भू उपयोग है, जो कि लगभग 622 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और विकसित क्षेत्र का 13.71 प्रतिशत है।
एक लाख से ज्यादा है जनसंख्या
1991 में झालावाड़ व झालरापाटन नगरों की कुल जनसंख्या 61 हजार 738 थी, जो 2001 में बढ़कर 78 हजार 157 हो गई। 1991 और 2001 में दशकीय वृद्धि दर क्रमश लगभग 34.03 प्रतिशत एवं 26.59 प्रतिशत दर्ज की गई। जनसंख्या 2011 के अनुसार झालावाड़ व झालरापाटन नगरों का क्षेत्रफल 33.12 वर्ग किमी है, इसी प्रकार जनसंख्या घनत्व 2,360 व्यक्ति वर्ग किलोमीटर और लिंगानुपात 904 था। वर्ष 2011 में झालावाड़ व झालरापाटन नगरों की जनसंख्या 1 लाख 5 हजार 512 आंकी गई थी। इसके बाद जनगणना नहीं हुई है।
मनोरंजन के लिए विकसित क्षेत्र
झालावाड़ व झालरापाटन में आमोद-प्रमोद सुविधाओं में उद्यान, खुले स्थल, खेल के मैदान तथा मेले, पर्यटन की सुविधा के अन्तर्गत 185 एकड़ भूमि है। जो कुल विकसित क्षेत्र का 4.08 प्रतिशत है।
पेयजल की सुविधा
झालावाड़ और झालरापाटन में जलदाय विभाग की ओर से करीब 100 एलपीसीडी की दर से जलापूर्ति की जाती है। यहां के जलस्रोत पीपाजी देह, कालीसिंध नदी, छापनी बांध, मुंडिया खेड़ी तालाब आदि है। दोनों जगह अलग-अलग इंटैक रिजरवायर बनाए गए हैं। दोनों शहर की करीब 90 फीसदी आबादी को जलदाय विभाग की ओर से जलापूर्ति की जाती है।
शहर में 85 शिक्षण संस्थान
झालावाड़ शहर में दो महाविद्यालय, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक कृषि महाविद्यालय , चार बीएड व बीएसटीसी कॉलेज समेत 85 शिक्षण संस्थान संचालित है।
बेहतर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध
झालावाड़ व झालरापाटन के निवासियों एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को चिकित्सा सुविधाएं
उपलब्ध कराने के लिए झालावाड़ में 500 शैय्याओं युक्त राजकीय चिकित्सा एवं राजकीय चिकित्सालय ऐलोपैथिक संचालित है। शहर में 37 चिकित्सा संस्थान संचालित है।
आवासीय घनत्व लगभग 119 व्यक्ति प्रति एकड़
झालावाड़ व झालरपाटन में कुल आवासीय उपयोग का क्षेत्रफल लगभग 824 एकड़ है, जो कि नगर के विकसित क्षेत्रफल का 18.16 प्रतिशत है। वर्ष 2011 में झालावाड़ की जनसंख्या 64.73 और झालरापाटन की जनसंख्या 40 हजार 639 थी। इस प्रकार झालावाड़ में औसत आवासीय घनत्व लगभग 119 व्यक्ति प्रति एकड़ और झालरपाटन में औसत आवासीय घनत्व लगभग 146 व्यक्ति प्रति एकड़ है। झालावाड़ व झालरपाटन का भीतरी भाग उच्च घनत्व वाला है तथा बाहरी क्षेत्र कम घनत्व वाला है। वाणिज्यिक गतिविधियां सामान्य सड़कों के सहारे चल रही है। जहां पार्किंग की व्यवस्था का अभाव है। गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों बनी हुई है, लेकिन इनकी निकासी व्यवस्था में सुधार करने की आवश्यकता है।
आर्थिक विकास केन्द्र
झालावाड़ व झालरपाटन दोनों महत्वपूर्ण प्रशासनिक व व्यापारिक केन्द्र होने के कारण समृद्ध आर्थिक विकास केन्द्र है। वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार दोनों शहरों की कुल जनसंख्या का लगभग 26.86 प्रतिशत कार्यशील व्यक्ति थे, जबकि वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार यह 28.33 प्रतिशत हो गए। इसमें से करीब 12 प्रतिशत प्राथमिक व्यवसायों में जैसे कृषि , खनन, एवं अन्य कार्यों में नियोजित थे। उद्योग निर्माण, एवं परिवहन व संचार के क्षेत्र में कार्यशील व्यक्तियों के प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की गई। और इनमें क्रमश : 18 प्रतिशत , 8 प्रतिशत और 10 प्रतिशत लोगों को रोजागार प्राप्त हुआ। शेष 30 प्रतिशत लोग अन्य विभिन्न सेवाओं के माध्यम से नियोजित थे।
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