जो खरे नहीं उतरेंगे, उनको सीज किया जाएगा। कोटा के करीब 464 स्कूलों में पौने दो लाख से ज्यादा बच्चे अध्यनरत हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 54 स्कूलों में ही बच्चों की संख्या 85 हजार से ज्यादा है, लेकिन इन बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए सिर्फ 282 वाहनों ने ही बाल वाहिनी का परमिट हासिल किया है।
परिवहन मंत्री (Transport minister) प्रताप सिंह खाचरियावास सूबे के स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर जब समीक्षा करने बैठे तो इन आंकड़ों को देख भौचक रह गए। उन्होंने आनन-फानन में पूरे प्रदेश के परिवहन अधिकारियों (State Transport Authority) को सभी स्कूल प्रबंधकों से हर एक बच्चे के स्कूल आने-जाने का रिकॉर्ड तत्काल तलब करने का आदेश जारी कर दिया, ताकि बाल वाहिनियों के नाम पर चल रहे कंडम और अवैध वाहनों पर शिकंजा कसा जा सके।
परिवहन मंत्री ने सभी बाल वाहिनियों की भौतिक जांच करने का आदेश दिया है। स्कूल व्हीकल (School vehicle) के लिए तय मानकों पर खरा न उतरने वाली बाल वाहिनियों का परमिट तत्काल निलंबित (suspended) करने के साथ ही दस साल से पुरानी बसों और वैन आदि वाहनों को दिए गए बाल वाहिनी के परमिट भी रद्द कर दिए जाएंगे।
आरटीओ राठौड़ ने बताया कि इसी महीने विशेष अभियान चलाकर सभी स्कूली वाहनों की भौतिक जांच की जाएगी। अभियान पूरा होने के बाद भी स्कूली वाहनों की सुरक्षा जांचने के लिए नियमित तौर पर औचक निरीक्षण किया जाएगा, ताकि बच्चों की सुरक्षा ( safety )से कोई खिलवाड़ न हो सके।