पुलिस के अनुसार मार्च 2023 में दर्ज ऑनलाइन धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और धमकाने के मामले में फरार चल रहे कोटा उद्योग नगर के प्रेमनगर निवासी रमनसिंह चौहान को कोटा सेन्ट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया। आरोपी रमन जानलेवा हमले के आरोप में कोटा जेल में था। साइबर थाना पुलिस ने रमन को अदालत में पेश किया, जहां से उसे भी न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। इससे पूर्व साइबर थाना पुलिस उसके मित्र कमल सिंह को कोटा से गिरफ्तार कर चुकी है। कमल सेन्ट्रल जेल में न्यायिक अभिरक्षा में है।
जालसाज के लिए खुलवाए खाते
पड़ताल में आया कि रमन व कमल सिंह मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। दोनों घनिष्ट मित्र हैं। गत 4-5 साल से कोटा में रह रहे हैं। रमन पेशे से पेन्टर है। उसने कमल व 4-5 अन्य युवकों को काम दिलाने का झांसा दिया। रमन ने कमल के जरिए 4-5 अन्य दोस्तों के बैंक खाते खुलवाए। इन खाते में मुख्य आरोपी (जालसाज) धोखाधड़ी की रकम ट्रांसफर करता था।
मिले थे 80 हजार रुपए
पड़ताल में आया कि बैंक खातों की एवज में रमन को जालसाज ने 80 हजार रुपए दिए। रमन ने इनमें से 40 हजार रुपए खातेदारों को 10-10 हजार रुपए बतौर कमीशन दे दिए, बाकि 40 हजार रुपए अपनी जेब में डाल लिए।
अहमदाबाद में है जालसाज
साइबर थाना पुलिस की पड़ताल में आया कि धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी (जालसाज) वारदात के वक्त अहमदाबाद में था। वह रमन से अक्सर सोशल मीडिया पर कॉल करता था। उसने रमन को साथियों के बैंक खाते खुलवाकर मुनाफा कमाने का लालच दिया था। रमन ने उसे ना तो कभी देखा ना कभी मुलाकात की। कमल की गिरफ्तारी के बाद मुख्य आरोपी का मोबाइल बंद आ रहा है।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार किशनगढ़ निवासी प्रियंका अग्रवाल ने 22 मार्च 2023 को साइबर थाने में प्रकरण दर्ज करवाया। इसमें पार्सल डिलीवरी का झांसा देकर जालसाज ने 4 लाख 32 हजार 264 रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बनाया। आरोपी ने धोखाधड़ी के साथ पीडि़ता को ऑनलाइन धमकी भी दी।