बोरिंग करते वक्त कम्प्रेसर का पाइप फटा, गैस लीकेज
से मची अफरा तफरी मां-बाप भी उसे नम्बर पाने को लेकर प्रयास नहीं करें, बल्कि ब”ाों को अ’छे संस्कार दें। मलिक ने कहा कि बचपन में पांच साल की उम्र में जब बीमारी आई तो उनकी टांगों ने काम करना बंद कर दिया। लोगों के लिए अभिशाप बन गई, लेकिन मुझे उसने काफी सीखाया। काफी मेहनत की। बार-बार गिरती-चलती, लेकिन हार नहीं मानी और फिर से चल पड़ी। 30 साल की उम्र के बाद फिर से लकवा हो गया, जब दोबारा बिस्तर पर पड़ी तो बचपन की बातें व सीख काम आई। उस समय में दो ब”ाों की मां बन गई थी, लेकिन मैं सोचती थी कि मेरी बेटियां यह नहीं सोचे कि उनकी मां अपंग है, लाचार व उदास है। उन्होंने कहा कि अपंग होना अभिशाप नहीं है। सोच अपंग नहीं होनी चाहिए। सोच में ताकत होनी चाहिए। वह ज्ञान व पढ़ाई से आती है। बचपन में पढ़ाई के साथ हुनर भी साथ रखा। वह जीवन में काम आया। जब मुझे दिव्यांग आई तो हुनर की बदौलत में जीतती चली गई। जब स्विमिंग नहीं सीख सकी तो भाला फेंक सीखा। उससे वल्र्ड नम्बर टू तक पहुंची। एशियाई रिकॉर्ड बनाए। उसके बाद शॉटपुट सीख लिया। अब स्कूबा ड्राइविंग सीख रही हूं। उन्होंने कहा कि जिंदगी में आगे बढऩे के लिए कुछ ने कुछ सीखना पड़ेगा।
से मची अफरा तफरी मां-बाप भी उसे नम्बर पाने को लेकर प्रयास नहीं करें, बल्कि ब”ाों को अ’छे संस्कार दें। मलिक ने कहा कि बचपन में पांच साल की उम्र में जब बीमारी आई तो उनकी टांगों ने काम करना बंद कर दिया। लोगों के लिए अभिशाप बन गई, लेकिन मुझे उसने काफी सीखाया। काफी मेहनत की। बार-बार गिरती-चलती, लेकिन हार नहीं मानी और फिर से चल पड़ी। 30 साल की उम्र के बाद फिर से लकवा हो गया, जब दोबारा बिस्तर पर पड़ी तो बचपन की बातें व सीख काम आई। उस समय में दो ब”ाों की मां बन गई थी, लेकिन मैं सोचती थी कि मेरी बेटियां यह नहीं सोचे कि उनकी मां अपंग है, लाचार व उदास है। उन्होंने कहा कि अपंग होना अभिशाप नहीं है। सोच अपंग नहीं होनी चाहिए। सोच में ताकत होनी चाहिए। वह ज्ञान व पढ़ाई से आती है। बचपन में पढ़ाई के साथ हुनर भी साथ रखा। वह जीवन में काम आया। जब मुझे दिव्यांग आई तो हुनर की बदौलत में जीतती चली गई। जब स्विमिंग नहीं सीख सकी तो भाला फेंक सीखा। उससे वल्र्ड नम्बर टू तक पहुंची। एशियाई रिकॉर्ड बनाए। उसके बाद शॉटपुट सीख लिया। अब स्कूबा ड्राइविंग सीख रही हूं। उन्होंने कहा कि जिंदगी में आगे बढऩे के लिए कुछ ने कुछ सीखना पड़ेगा।