2. अब आप अपने अंगुलियों को इन्टरलॉक करें और अपने सिर को उस पर रखें।
4. धीरे धीरे अपने पैरों को इन्टरलॉक अंगुलियों का मदद लेते हुए ऊपर उठाएं और इसे सीधा करने की कोशिश करें।
5. शरीर का पूरा भार अब आप इन्टरलॉक किए हुए अंगुलियों और सिर पर लें।
6. इस अवस्था में कुछ देर तक रुकें और फिर धीरे धीरे घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को नीचे लेकर आएं।
(यह एक चक्र हुआ, आप इसे 3 से 5 बार कर सकते हैं।)
शीर्षासन योग के लाभ
बालों का गिरना रोकता है: यह योग बालों को सूंदर बनाता है। शीर्षासन अभ्यास से मस्तिष्क वाले भाग में ऑक्सीजन का प्रवाह अधिक हो जाता है और मस्तिष्क को उपयुक्त पोषक तत्व पहुंचता है। शीर्षासन न केवल बालों के झडऩे को ही नहीं रोकता बल्कि बालों से सम्बंधित और समस्याओं जैसे काले व घने बाल, लम्बे बाल, बालों का कम झरना, बालों को सफेद होने से रोकना इत्यादि में काम आता है।
त्वचा के निखार में शीर्षासन: यह आपके त्वचा को मुलायम, खूबसूरत और ग्लोइंग प्रदान करता है। इसके अभ्यास से चेहरे वाले हिस्से में खून का बहाव अच्छा हो जाता है और शरीर के पुरे अग्र भाग में पोषक तत्व सही रूप में पहुंच पाता है।
मेमोरी बढ़ाने में: इस आसन के अभ्यास से सिर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है जिससे स्मृति बढ़ती है। शीर्षासन तंत्रिका तंत्र के लिए: यह आसन तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है।
अंतःस्रावी गंथियों के लिए: यह आसन पिटुइटरी ग्रन्थि को स्वस्थ रखता है और इसके हॉर्मोन स्राव में मदद करता है। चूंकि शीर्षासन मास्टर ग्लैंड है इसलिए यह सभी अंतःस्रावी गंथियों को विनियमित करता है।
पाचन तंत्र के लिए: यह पाचन तंत्र को मजबूत करते हुए पाचन के लिए लाभकारी है।
पीयूष ग्रन्थि के स्वस्थ में शीर्षासन: यह पीयूष (पिटुइटरी) ग्रंथि एवं शीर्ष ग्रंथि के कामकाज को बेहतर करता है।
यकृत के स्वस्थ के लिए : यह योगाभ्यास यकृत एवं प्लीहा के रोगों में लाभप्रद है।
एकाग्रता को बढ़ाने के लिए शीर्षासन: यह एकाग्रता की क्षमता बढ़ाता है तथा अनिद्रा में सहायक है।