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कोटा

विश्वविद्यालय का वेतन और पद घोटाला जा पहुंचा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो

एसीबी तक पहुंचा तीन करोड़ का वेतन घोटाला, विश्वविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की पत्नी ने दर्ज कराई शिकायत, आरोपितों को फायदा पहुंचाने के लिए मामला दबाने का लगाया आरोप |

कोटाJun 18, 2018 / 03:14 pm

Deepak Sharma

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कोटा. वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय का वेतन और पद घोटाला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो तक जा पहुंचा है। विश्वविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की पत्नी ने सरकारी धन को खुर्दबुर्द करने और चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है।

वीएमओयू के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चंद्रप्रकाश सुमन की पत्नी चमेली ने मंगलवार को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई कि विवि के 171 कर्मचारियों को सरकार की मंजूरी के बिना ही राज्यपाल और राजस्थान सचिवालय कर्मियों के बराबर बढ़ा हुआ वेतनमान दे दिया गया।
स्थानीय अंकेक्षण विभाग की ऑडिट में इस घोटाले के लिए पूर्व कुलपति प्रो. विनय पाठक और वर्तमान कुलपति प्रो. अशोक शर्मा समेत 10 कुलसचिव, 5 वित्तीय सलाहकार, 4 उप कुलसचिव, 2 लेखाधिकारियों और लेखाकारों को इस घोटाले का आरोपी बनाया गया था।
सरकार ने सभी आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और अनुचित वित्तीय लाभ उठाने वाले कर्मचारियों से 3 करोड़ रुपए की वसूली के निर्देश दिए थे।


पद घोटाला भी उछला
एसीबी को दी शिकायत में अशैक्षणिक कर्मचारियों को शैक्षणिक बताकर बाहरी विश्वविद्यालयों में नौकरी दिलाने के लिए पदों का घोटाला करने का भी आरोप लगाया है।
एसीबी को दी गई शिकायत में कहा गया है कि वीएमओयू में क्षेत्रीय निदेशक का पद अशैक्षणिक होता है, लेकिन जोधपुर स्थित क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र के पूर्व निदेशक की एपीआई सत्यापित करने के नाम पर उन्हें शैक्षणिक कार्य करने का प्रमाण पत्र दे दिया गया।
जिसके जरिए वह दूसरे विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हो गए। ऐसे ही दो और मामले हैं जिनमें पदों का घोटाला हुआ है।

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