दीगोद तहसील क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक गांवों में सम्पर्क सड़कें बदहाल हैं। इन सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे और उखड़ी कंकरीट वाहन चालकों को चोटिल कर रही है। प्रतिदिन इन क्षतिग्रस्त लिंक सड़कों से गुजरने वाले ग्रामीणों में से कई वाहनचालक संतुलन खोकर गंतव्य की जगह दुर्घटनाग्रस्त होकर अस्पताल पहुंच रहे है। दीगोद निवासी हेमराज गोचर व जगमोहन नागर भीमपुरा ने बताया कि दीगोद से निमोदा तक की मुख्य सड़क निर्माण के लिए पूर्व सरकार में ही राशि स्वीकृत हो गई थी, लेकिन लापरवाह विभाग अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं करा सका। सुल्तानपुर कस्बे में भी मुख्य मार्ग की सड़क उखडऩे लगी है। अमरपुरा, जाखडौन्द सड़क भी गड्ढों में तब्दील हो गई है।
अधूरा ही छोड़ दिया कार्य
कस्बेवासी शुभम मितल व जसप्रीत सिंह छाबड़ा ने बताया कि क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक सड़कों की गिट्टी उखड़ी हुई है। बड़े-बड़े गड्ढे हादसों का कारण बन रहे है, लेकिन शिकायतों के बावजूद पीडब्ल्यूडी विभाग मरम्मत तक नहीं करा रहा। वाहनों का भी मेंटीनेंस खर्च बढ़ रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने कुछ गांवों में शिकायतों के बाद स्वीकृत कार्य शुरू तो करा दिए, लेकिन अधूरे ही छोड़ दिए। जहां एक माह से कार्यों की सुध तक नहीं ली जा रही ऐसे में अधूरे कार्य के चलते गुजरना भी दुर्भर हो गया है। सुल्तानपुर कस्बे के संजयनगर बस्ती से तोरण सम्पर्क सड़क की भी कुछ ऐसी ही स्थिति है।
ये सम्पर्क सड़कें हो रही जर्जर
– सुल्तानपुर से नौताड़ा मालियान सड़क मार्ग ३ किलोमीटर
– मोरपा से बिसलाई सम्पर्क सड़क ४ किलोमीटर – जालिमपुरा गांव से हरिपुरा सम्पर्क सड़क ६ कि लोमीटर
– दीगोद कस्बे से नीमोदा गांव तक मुख्य सड़क १२ किमी.
– नीमोदा रोड़ से भगवानपुरा,दीगोद से शोली व नीमोदा से चन्द्रावला सम्पर्क सड़क
– जालिमपुरा से तोरण सम्पर्क सड़क ३ किमी. – कंवरपुरा से पड़ासलिया सम्पर्क सड़क ४ किमी.
बजट की कमी के चलते परेशानी
लम्बे समय से बजट नहीं मिल रहा है। जिसके कारण क्षेत्र की सम्पर्क सड़कों की मरम्मत व नवीनीकरण के कार्य शुरू नहीं कराए गए हैं। जैसे ही बजट उपलब्ध होता है तुरंत कार्य प्रारंभ करा दिए जाएंगे।
– एल.एन.मीणा,पीडब्ल्यूडी एईएएन सुल्तानपुर