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कोटा

वो नवजात पुत्र को देखने जा रहा था, बीच राह मि‍ली मौत

अभी सालभर पहले ही विवाह हुआ था गिर्राज का और जैसे ही पुत्र जन्म की सूचना मिली वह खुशी से झूम उठा, लेकिन उसे क्या पता था कि वह अपने नवजात का चेहरा भी न

कोटाMay 08, 2018 / 01:34 am

Anil Sharma

kota

अभी सालभर पहले ही विवाह हुआ था गिर्राज का और जैसे ही पुत्र जन्म की सूचना मिली वह खुशी से झूम उठा, लेकिन उसे क्या पता था कि वह अपने नवजात का चेहरा भी नहीं देख पाएगा।

खातौली. सोमवार की सुबह गांव के लोगों के लिए दुखद समाचार लेकर आई। गांव के एक साथ तीन लोगों की सडक़ दुर्घटना में मौत से गमगीन माहौल था। एक साथ उठी तीन अर्थियों से हर कोई दुखी था। मृतक गिर्राज की तो अभी सालभर पहले ही शादी हुई थी और आज ही उसकेे लडक़ा हुआ था। गिर्राज के घर में पौत्र जन्म की खुशियां थी, लेकिन इस सूचना से मातम छा गया। मृतक गिर्राज ही नहीं सुग्रीव भी अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। शव गांव में पहुंचने पर गमगीन माहौल में तीनों का अंतिम संस्कार किया गया।
इटावा-खातौली मार्ग पर सोमवार तडक़े केशोपुरा गांव के समीप एक बाइक सडक़ किनारे खड़े ट्रोले से टकरा गई। इससे बाइक सवार तीन युवकों की मौत हो गई। तीनों युवक खातौली निवासी थे और खातौली से इटावा आ रहे थे। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों के शव इटावा के राजकीय चिकित्सालय में पहुंचाए। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। इस हादसे ने एक परिवार की पुत्र जन्म की खुशियां मातम में बदल दी हैं।पुलिस के अनुुसार खातौली निवासी शंकरलाल सुमन ने बताया कि उनके पुत्र गिर्राज सुमन (२४) की पत्नी ने सोमवार तउक़े चार बजे इटावा अस्पताल में पुत्र को जन्म दिया था। इसकी सूचना मिलने पर गिर्राज अपने परिचितों सुग्रीव (३४) पुत्र मुरारीलाल सुमन व रामहेत (४७) पुत्र दुर्गालाल जोशी के साथ बाइक पर इटावा रवाना हुए। इसी दौरान केशोपुरा गांव के निकट मोटरसाइकिल सडक़ केे बीच खड़े ट्रोले से टकरा गई। इससे मोटरसाइकिल सवार तीनों की मौत हो गई। घटना के बाद ट्रोला चालक ट्रोले को लेकर मौके से फरार हो गया। एक घंटे बाद मृतक गिर्राज के पिता शंकरलाल सुमन जब केशोपुरा गांव के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनके पुत्र सहित दोनों परिचितों के शव सडक़ पर पड़े थे तथा उनकी मोटरसाइकिल एक ओर पड़ी थी। इसकी सूचना उन्होंने इटावा पुलिस को दी। इस पर पुलिस मौके पर पुहंची। इस दौरान वहां से गुजर रही एक जीप से तीनों शवों को इटावा चिकित्सालय पहुंचाया गया। जहां पुलिस ने पोस्टमार्टम केे बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए।
बच सकती थी जान
अलसुबह का समय होने के कारण इस मार्ग पर आवागमन ज्यादा नहीं था। दुर्घटना के बाद अन्य राहगीर या आसपास के लोग दुर्घटनाग्रस्त युवकों की मदद को पहुंच जाते तो उनकी जान बचाई जा सकती थी, क्योंकि तीनों युवकों के सिर में चोट लगी थी। खून का लगातार रिसाव होते रहने से उनकी मौत हो गई। घायलों की सूचना लोगों ने पुलिस अथवा 108 को नहीं दी जिससे दुर्घटना के बाद तीनों घायल अवस्था में सडक़ पर तड़पते रहे।

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