अलसुबह का समय होने के कारण इस मार्ग पर आवागमन ज्यादा नहीं था। दुर्घटना के बाद अन्य राहगीर या आसपास के लोग दुर्घटनाग्रस्त युवकों की मदद को पहुंच जाते तो उनकी जान बचाई जा सकती थी, क्योंकि तीनों युवकों के सिर में चोट लगी थी। खून का लगातार रिसाव होते रहने से उनकी मौत हो गई। घायलों की सूचना लोगों ने पुलिस अथवा 108 को नहीं दी जिससे दुर्घटना के बाद तीनों घायल अवस्था में सडक़ पर तड़पते रहे।