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जानिए कब करना चाहिए पितरों का तर्पण, और कब करें श्राद्ध कर्म, 13 से शुरू होंगे श्राद्ध

Pitru Paksha 2019 आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से पितृ पक्ष श्राद्ध आरंभ
 
 

कोटाSep 10, 2019 / 07:42 pm

Suraksha Rajora

जानिए कब करना चाहिए पितरों का तर्पण, और कब करें श्राद्ध कर्म, 13 से शुरू होंगे श्राद्ध

जानिए कब करना चाहिए पितरों का तर्पण, और कब करें श्राद्ध कर्म, 13 से शुरू होंगे श्राद्ध

कोटा . पितृ पक्ष 13सितंबर से शुरु होकर 28 सितंबर तक पितरों का तर्पण किया जाएगा। भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक के सोलह दिनों को पितृपक्ष कहते हैं । श्राद्ध को पितृपक्ष और महालय के नाम से भी जाना जाता है।

इस दौरान जिस तिथि में पूर्वजों या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होती है, उसी तिथि को पितृपक्ष में उनका श्राद्ध किया जाता है।शास्त्रों में ऐसी मान्यता है पितृपक्ष के दिनों में हमारे पूर्वज जिनका देहान्त हो चुका है वे सभी पृथ्वी पर सूक्ष्म रूप में आते है।
अपने पितरों का जो भी व्यक्ति अपनी शक्ति सामर्थ्य के अनुरूप शास्त्र विधि से श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करता है, उसे सभी दोषों से मुक्ति मिलती है और घर-परिवार, व्यवसाय और आजीविका में हमेशा उन्नति होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने तथा ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितरों की आत्माएं तृप्त होती हैं। इसके परिणाम स्वरूप कुल और वंश का विकास होता है। परिवार के सदस्यों को लगे रोग और कष्टों दूर होते हैं।

पितृ पक्ष के नियम


ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि पितृ पक्ष में जिन तिथियों में पूर्वज यानी पिता, दादा, परिवार के लोगों की मृत्यु हुई होती है उस तिथि को उनका श्राद्ध किया जाता है। श्राद्ध का नियम है कि दोपहर के समय पितरों के नाम से श्राद्ध और ब्राह्मण भोजन करवाना चाहिए। देवताओं की पूजा सुबह में और पितरों की दोपहर में। पूर्वाह्णे मातृकं श्राद्धमराह्णे तु पैतृकम। एकोदि्दष्टं तु मध्याह्णे प्रातर्वृद्धि निमित्तकम्।।

शास्त्रों के नियम के अनुसार जिस दिन दोपहर के समय अधिक समय तक जो तिथि व्याप्त हो उस दिन ही उसी तिथि का श्राद्ध किया जाना चाहिए।

पितृपक्ष की श्राद्ध तिथि 2019
13 सितम्बर -पूर्णिमा श्राद्ध
14 सितम्बर-प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध
15 सितम्बर-द्वितीया तिथि का श्राद्ध
17 सितम्बर-तृतीया तिथि का श्राद्ध
18 सितम्बर-चतुर्थी तिथि का श्राद्ध
19 सितम्बर-पंचमी तिथि का श्राद्ध
20 सितम्बर-ख़ष्ठी तिथि का श्राद्ध
21 सितम्बर-सप्तमी तिथि का श्राद्ध
22 सितम्बर-अष्टमी तिथि का श्राद्ध
23 सितम्बर-नवमी तिथि का श्राद्ध
24 सितम्बर-दशमी तिथि का श्राद्ध
25 सितम्बर-एकादशी तथा द्वादशी तिथि का श्राद्ध। संतों तथा महात्माओं का श्राद्ध
26 सितम्बर-त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध
27 सितम्बर-चतुर्थी का श्राद्ध
28 सितम्बर-अमावस्या , सर्व पितृ श्राद्ध रहेगा।
इस वर्ष 13 सितंबर पूर्णिमा को ऋषि तर्पण और श्राद्ध होगा इसके ..

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