कोटा

स्मार्ट मीटर व बिजली कटौती को लेकर गुस्साए कोटावासी किया विरोध प्रदर्शन

कोटा. कोटा में बुधवार को बिजली कटौती व स्मार्ट मीटर को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ।

कोटाOct 11, 2017 / 09:36 pm

abhishek jain

स्मार्ट मीटर का विरोध

सोमेश्वर महादेव मंदिर विकास समिति की ओर से तलवंडी सेक्टर- 4 व 5 के निवासियों ने सीईएससी के वल्लभबाड़ी कार्यालय पर प्रदर्शन कर अधिकारी अंजन मित्रा का घेराव किया। साथ ही ये स्मार्ट मीटर पहले के मीटर की तुलना में तीन गुनी तेजी से दौड़ रहे हैं जो बर्दाश्त से बाहर है। इन्हें हटाने की मांग की। समिति अध्यक्ष केदाल लाल गुप्ता ने कहा कि कंपनी प्रबंधन तानाशाही पर उतारू है।
 

जनता की बात नहीं मानने वाली कंपनी को कोटा से बरिया बिस्तर बांधना होगा। जनता अघोषित लूट को सहन नहीं करेगी। इस दौरान गिर्राज चौधरी, अल्पेश चौहान, शकुंतला जोशी, अशोक शर्मा, रणजीत मेहरा, बृजेश सैनी, हरि नारायण मीणा, घनश्याम सैनी सहित कई लोग उपस्थित रहे।
 

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निजी बिजली कंपनी सीईएससी की ओर से लगाया जा रहे स्मार्ट मीटर का विरोध में बुधवार को तलवंडी वासियों ने जयपुर डिस्कॉम के मुख्य अभियंता कोटा जोन कार्यालय में प्रदर्शन किया।
सैकड़ों की संख्या में लोगों ने तलवंडी से वाहन रैली के रूप में कार्यालय पहुंचे।यहां पर मुख्य अभियंता बीएल पचेरवाल से वार्ता की। इस दौरान विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि स्मार्ट मीटर उन्हीं के घरों पर क्यों लगाया जा रहे हैं?, जब यह मीटर ठीक चलते हैं तो जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के घर पर पहले लगाने जाने चाहिए। इस मुद्दे पर जैसे ही चीफ इंजीनियर पचेरवाल बोलने लगे लोग उन से उलझ गए। काफी देर तक दोनों पक्षों में तनातनी चलती रही। बाद में पुलिस ने ज्ञापन देकर चले गए।
 

 

 

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बिजली कटौती के खिलाफ प्रदर्शन

बिजली कटौती से मरीज, किसान व व्यापारियों को हो रही परेशानी को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को नयापुरा स्थित मुख्य अभियंता को ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ता दोपहर पौने एक बजे रैली के रूप में पहुंचे और सीई ऑफिस में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुलिस ने कहा कि पांच लोगों को ही अन्दर जाने दिया जाएगा। इस पर तनातनी हो गई। इसके बाद दस जनों को भीतर जाने दिया।

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उनका नेतृत्व कर रहे कुंदन चीता ने कहा कि शहर में विद्युत उत्पादन होने के बावजूद बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। मौसमी बीमारियों के चलते अधिकांश मरीज निजी लैब में जांच करवा रहे हैं, लेकिन बिजली कटौती होने से वहां उपकरण चालू नहीं होते। ऐसे में मरीजों को जांच रिपोर्ट देर से मिल रही है। साथ ही, किसानों को पलेवा और व्यापारियों को त्योहारी सीजन में नुकसान झेलना पड़ रहा है।
 
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