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कोटा में अब रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट नहीं रहेगी

रेल मंत्रालय ने देश की पांच रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट को भंग करने का फैसला किया है। रेल मंत्रालय ने जमालपुर, झांसी, कोटा, आद्रा, चंडीगढ़ और सिकंदराबाद में स्थित छह रेलवे इंजीनियर प्रादेशिक सेना रेजिमेंट की मौजूदा कार्यात्मक स्थापना की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया गया था।

कोटाJun 07, 2022 / 12:00 am

Jaggo Singh Dhaker

INDIAN RAILWAY----देश का इस रेल मण्डल में भी अब दौड़ेगा करंट, देखिए कैसे

INDIAN RAILWAY—-देश का इस रेल मण्डल में भी अब दौड़ेगा करंट, देखिए कैसे

कोटा. रेल मंत्रालय ने देश की पांच रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट को भंग करने का फैसला किया है। रेल मंत्रालय ने जमालपुर, झांसी, कोटा, आद्रा, चंडीगढ़ और सिकंदराबाद में स्थित छह रेलवे इंजीनियर प्रादेशिक सेना रेजिमेंट की मौजूदा कार्यात्मक स्थापना की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने रेलवे प्रादेशिक सेना रेजिमेंट की परिचालन आवश्यकताओं का पुनर्मूल्यांकन किया है। समिति की सिफारिशों के आधार पर और रक्षा मंत्रालय और प्रादेशिक सेना के महानिदेशालय्र की सहमति से रेल मंत्रालय ने रेलवे इंजीनियर प्रादेशिक सेना रेजिमेंट को भंग करने का फैसला किया है। इसके अनुसार कोटा, झांसी, आद्रा, चंडीगढ़ और सिकंदराबाद में स्थित पांच रेलवे इंजीनियर प्रादेशिक सेना रेजिमेंट का विघटन किया जाएगा। न्यू जलपाईगुड़ी-सिलीगुड़ी-न्यूमल-अलीपुरद्वार-रंगिया (361 किलोमीटर) मार्ग पर परिचालन भूमिका के लिए जमालपुर में स्थित एक रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट का सिलीगुड़ी कॉरिडोर के माध्यम से महत्वपूर्ण रेल लिंक को शामिल करने के लिए और रक्षा मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित रंगिया तक बनाए रखा जाएगा। रेल मंत्रालय के पत्र 3 जून 2022 के जारी होने की तारीख से नौ महीने की अवधि के भीतर विघटन प्रक्रिया को महानिदेशालय प्रादेशिक सेना पूरा करेगी। कोटा में पिछले कई दशकों से रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट है। इसका इसका मुख्यालय रेलवे काॅलोनी में है।
ट्रेनों में लंबी प्रतीक्षा सूची, दरवाजे के पास खड़ा होकर सफर कर रहे यात्री
कोटा. गर्मी के सीजन में विद्यालयों की छुट्टियाें के चलते यात्री रेलगाडि़यों में कन्फर्म बर्थ मिलना मुश्किल हो रहा है। सामान्य श्रेणी के कोचों में भी यात्रीभार बढ़ गया है। इन दिनों कोटा मंडल से हर रोज औसत 1 लाख यात्री सफर कर रहे हैं। ज्यादातर ट्रेनों की पूरी एक्यूपेंसी का उपयोग हो रहा है। कई ट्रेनों में भीड़ के चलते पुरुष यात्री महिला कोचों में सफर कर रहे हैं। रेलवे सुरक्षा बल की ओर से ऐसे यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। पिछले माह 3 से 31 मई 2022 तक देशभर में महिला कोचों की सफर करने पर 7 हजार पुरुष यात्रियों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। कोटा जंक्शन पर महिला कोचों की निगरानी आरपीएफ कर रही है।बान्द्रा से बरौनी जाने वाली अवध एक्सप्रेस में किसी भी श्रेणी में बर्थ उपलब्ध नहीं हो रही है। आरक्षण केन्द्र पर आई आगरा निवासी मंजू ने बताया कि वह कई दिनों से कन्फर्म बर्थ के लिए प्रयास कर रही हैं, लेकिन तत्काल कोटे में भी बर्थ उपलब्ध नहीं हो रही है। अमृतसर से बान्द्रा जाने वाली स्वर्ण मंदिर मेल जब रविवार को कोटा जंक्शन पर पहुंची तो स्लीपर कोचाें में दरवाजे तक यात्री खड़े होकर सफर कर रहे थे। वहीं एसी कोचों में भी लंबी प्रतीक्षा सूची होने के कारण बहुत से यात्री शौचालय के पास खड़े हुए थे। मेवाड़ एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों में कन्फर्म बर्थ उपलब्ध नही है। वहीं उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली गाडि़यों में ज्यादा भीड़ है।

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