विधानसभा में सनसनीखेज खुलासा: कोटा में वन विभाग की 190 हैक्टेयर भूमि पर बस गई 700 मकानों की अवैध बस्ती
केशवरायपाटन विधानसभा की विधायक चंद्रकांता मेघवाल ( MLA Chandrakanta Meghwal ) ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा सत्र ( Rajasthan Assembly ) में राजस्व विभाग ( Revenue Department ) से कोटा और बूंदी जिलों में सरकारी जमीनों पर हुए कुल अतिक्रमणों की जानकारी मांगी थी। ( Encroachment on kota-Bundi land ) सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर उस वक्त हैरत हुई जब इसके जवाब में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने 350 किलो वजनी कागजों के 4,700 पेज विधानसभा के पटल पर रख दिए। सवाल विधानसभा में पूछा गया था, इसलिए इसके कम से कम 10 सैट बनाए गए थे। हालांकि विधायक के सवाल का जवाब भी 4,750 पेजों में जाकर समा सका। जवाबी कागजों का वजन करीब 35 किलो था। जिसे उठाने के लिए ही दो सरकारी कर्मचारियों का सहारा लेना पड़ा।
भाजपा विधायक के सवाल पर विधानसभा में बोली कांग्रेस सरकार: केडीएल को राजस्थान से भगाने का नहीं है विचार
बुलंद हैं कब्जेदारों के हौंसले
चंद्रकांता मेघवाल के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री ने बताया कि लगातार कार्रवाई के बावजूद अतिक्रमियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हटाने के कुछ देर बाद फिर से कब्जा कर लिया जाता है। यही हाल रहे तो आने वााले वक्त में सरकारी जमीनें बचा पाना मुश्किल हो जाएगा।
विधानसभा में चौंकाने वाला खुलासा: घर-दुकान या खेत में लग जाए आग तो बुझाने नहीं आएगी फायर ब्रिगेड
उन्होंने बताया कि सरकारी जमीनों पर दो तरह के अतिक्रमण हैं। पहले वो भूमिहीन गरीब लोग जिन्होंने जमीन खाली देखकर वहां अपने घर बना लिए और दूसरे वह भूमाफिया जिनकी नीयत बेशकीमती सरकारी जमीन को देखकर डावांडोल हो गई। ऐसे में सरकार जमीन को खाली करवाने के साथ ही गरीबों को राहत देने के तरीकों पर भी विचार कर रही है, लेकिन भूमाफिया के खिलाफ किसी तरह की रियायत का तो सवाल ही नहीं उठता। उनके खिलाफ कार्रवाई और सख्त की जाएगी।बड़ी खबर: भारी बारिश से कोटा संभाग में 1000 करोड़ की फसलें तबाह, किसानों की आंखों से बहे आंसू
1.66 लाख तो दर्ज, बाकी का क्या…
सरकारी जमीन पर कब्जे की सूची में तो महज उन भूमाफिया और अतिक्रमियों के नाम दर्ज हैं जिनके खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने कार्यवाही की या फिर लोगों की शिकायत पर मामले दर्ज किए। अतिक्रमण की जमीनी हकीकत देखें तो बेहद भयावह है। अकेले कोटा में ही वन विभाग की जमीन पर इससे ज्यादा अतिक्रमण देखे जा सकते हैं। चरागाहों और सिवायचक की बेशकीमती जमीनों तो लंबे समय से भूमाफिया के शिकंजे में है।
किसानों के लिए जरूरी खबर: फसल खराबे की सूचना 72 घंटे में बीमा कम्पनियों को देना जरूरी, टोल फ्री नंबर जारी
बूंदी और कोटा जिले में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने वाले भूमाफियाओं की जानकारी और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में राजस्व मंत्री ने 4,750 पेज का 35 किलो वजनी बंडल थमा दिया। हर पेज पर करीब 35 से 40 अतिक्रमयों की जानकारी दर्ज है। इसके मुताबिक दोनों जिलों में एक लाख से ज्यादा भूमाफिया सरकार पर भारी पड़ रहे हैं।
चंद्रकांता मेघवाल, विधायक, केशवरायपाटन