पत्रिका के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी
राजस्थान पत्रिका ने हाल ही में कोटा थर्मल को बचाने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। अभियान से जुड़े अर्थशास्त्री डॉ. गोपाल सिंह और डॉ. कपिल देव शर्मा ने थर्मल पर निर्भर लोगों की रोजी रोटी बचाने के लिए आउटडेटेड हो चुकीं पुरानी इकाइयों को बंद कर इनकी जगह 600 और 660 मेगावाट की नई तकनीकी की इकाइयां स्थापित करने या फिर सोलर पॉवर प्लांट लगाने का सुझाव दिया था। कोटा थर्मल में किसी भी इकाई को बंद किए बगैर ही 800 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जा सकता है।
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कोटा बेहद मुफीद
कोटा विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. घनश्याम शर्मा ने बताया कि सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित करने के लिए कोटा बेहद मुफीद है। साल में 200 से 250 दिन तक यहां सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश मिलता है। औसतन आठ घंटे रोज भी मान लें तो कोटा में 2000 घंटे से ज्यादा समय तक सोलर प्लांट चलाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में करीब दो मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया जा सकता है। ऐसे में कोटा थर्मल की 400 हेक्टेयर में फैली एशडाइक पर बेहद सुगमता से 800 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा सकता है।