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कोटा

मध्य प्रदेश को 1 से 5 अक्टूबर तक पानी देगा राजस्थान, हो सकेगी रबी फसलों की सिंचाई

मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच चम्बल जल बंटवारे को लेकर बैठक हुई। 1 से 5 अक्टूबर के बीच रबी सीजन के लिए पानी छोड़ा जाएगा।

कोटाSep 19, 2017 / 12:47 pm

ritu shrivastav

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Rajasthan will provide water to Madhya Pradesh from October 1 to 5

चम्बल की दाईं मुख्य नहर में 1 से 5 अक्टूबर के बीच हाड़ौती व मध्यप्रदेश के किसानों के लिए रबी सीजन के लिए पानी छोड़ा जाएगा। राजस्थान और मध्यप्रदेश में कम बारिश होने के बावजूद दोनों राज्यों के किसानों को रबी की फसलों की सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा। सिंचाई के पानी में कोई कटौती नहीं की गई है। मार्च तक नहरों में जल प्रवाह किया जाएगा। चम्बल की चारों बांधों और दाईं मुख्य नहर की मरम्मत और आधुनिकीकरण करने का भी निर्णय हुआ है।
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मध्यप्रदेश-राजस्थान के बीच होगा पानी का बंटवारा

चम्बल जल बंटवारे को लेकर मध्यप्रदेश-राजस्थान अंतरराज्यीय नियंत्रण बोर्ड की तकनीकी कमेटी की रविवार को डीसीएम रेस्ट हाउस में हुई अहम बैठक में यह फैसला लिया गया है। दोनों राज्यों के जल संसाधन विभाग के आला अधिकारियों की मौजूदगी में जल बंटवारे का निर्णय हुआ है। बैठक में जल संसाधन विभाग राजस्थान के मुख्य अभियंता मनसुख राम डूडी और मध्यप्रदेश के प्रमुख अभियंता राजू कुमार ने अपने-अपने राज्य में बारिश की स्थिति और किसानों को सिंचाई के लिए कितने पानी की जरूरत पड़ेगी, इसके बारे में बात की।
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करीब चार घण्टे चली बैठक

मध्यप्रदेश ने एक अक्टूबर से नहरी पानी देने की मांग उठाई, लेकिन राजस्थान के अधिकारी इसके लिए सहमत नहीं हुए, उनका कहना था कि मध्यप्रदेश की मांग पर खरीफ के लिए पिछले सप्ताह ही पानी छोड़ा गया था, इसलिए अब आवश्यक मरम्मत कार्य करने के बाद ही जल प्रवाह शुरू किया जाएगा। काफी तर्क-वितर्क के बाद 1 से 5 अक्टूबर के बीच पानी छोडऩे पर सहमति बनी। हालांकि 22 सितम्बर को चम्बल प्राधिकरण (काड़ा) की बैठक में पानी छोडऩे की तिथि तय होगी। दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच करीब चार घण्टे चली बैठक में जल बंटवारे से लेकर नहरों और बांधों की मरम्मत करने और बकाया भुगतानों को लेकर चर्चा हुई।
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डीपीआर तैयार करवाएंगे

बैठक में दोनों राज्यों के अभियंताओं ने माना कि 60 साल पुराने चम्बल के बांध गांधीसागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज तथा दाईं मुख्य नहर की स्थिति खराब हो गई है। इनका मॉडनाइजेशन करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करवाने के लिए कन्सल्टेंसी नियुक्त करने का निर्णय किया है। जल संसाधन विभाग (गांधी सागर वृत्त) उज्जैन के अधीक्षण अभियंता एस.डी.श्रीवास्तव को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है।
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ये थे बैठक में मौजूद

राजस्थान की ओर से जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (सीई) मनसुखराम डूडी, मुख्य अभियंता के.डी. सांदू, सीएडी के मुख्य अभियंता राकेश कुमार कौशल, आरपीएस डैम वृत्त के अधीक्षण अभियंता एस.के. सामरिया, सीएडी के अधीक्षण अभियंता जितेन्द्र कुमार लुहाडि़या तथा मध्यप्रदेश की ओर से वहां के जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता राजू कुमार, ग्वालियर के सीई एन.पी. कौरी, मुरैना के अधीक्षण अभियंता आर.पी. झा, उज्जैन के अधीक्षण अभियंता एस.डी. श्रीवास्तव तथा , मध्यप्रदेश-राजस्थान अंतरराज्यीय नियंत्रण बोर्ड के सचिव हेमंत कुमार जैन मौजूद थे।
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जल संचालन के लिए एमपी ने दिए एक करोड़

बैठक में सीएडी के अभियंताओं ने कहा कि रबी सीजन में नहर में जल संचालन सुचारू रखने के लिए आवश्यक मरम्मत कार्य करवाना जाना जरूरी है। इसके लिए मध्यप्रदेश के हिस्से की पांच करोड़ की राशि की डिमांड की। मध्यप्रदेश के अभियंताओं ने मौके पर ही एक करोड़ रुपए का चेक दे दिया है। बाकी राशि को लेकर सहमति नहीं बनी है।
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मध्यप्रदेश इस बार 40 फीसदी कम हुई बारिश

जल संसाधन विभाग उज्जैन, गांधी सागर वृत्त के अधीक्षण अभियंता एस.डी. श्रीवास्तव ने बैठक में बताया कि मध्यप्रदेश इस बार 40 फीसदी बारिश कम हुई है, इसलिए सिंचाई के लिए पानी की जरूरत अधिक है। बैठक में पानी छोडऩे समेत सभी बिन्दुओं पर सकारात्मक चर्चा हुई है। जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एस.के. सामरिया ने कहा कि चम्बल के चारों बांधों और दाईं मुख्य नहर के मॉडनाइजेशन समेत सभी बिन्दुओं पर सहमति बन गई है। सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी है। मार्च तक जल प्रवाह किया जाएगा।

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