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घटना शनिवार देर रात की है। पुलिस के अनुसार शनिवार रात्रि करीब साढ़े बारह बजे काटली नदी की पुल पर झुंझुनंू की ओर से पत्थरों से भरा ट्रक चिड़ावा की तरफ जा रहा था। तभी पुल से पहले ढलान में बने ब्रेकर से गुजरते समय ट्रक अनियंत्रित होने के बाद ट्रक दाई ओर एक बबूल के पेड़ टकराते हुए पुल से नीचे जा गिरा। तेज गति होने से पेड़ भी ट्रक में फंसकर पुल के नीचे चला गया। उसके बाद ट्रक के केबिन में अचानक आग लग गई। ट्रक में ड्राईवर अलमुद्दीन सहित दो खलासी जगदीश व सलमान सवार थे। ट्रक के खलासी की तरफ पलटी खाने के कारण खलासी उसमें फंस गया। जबकि ड्राईवर व एक अन्य व्यक्ति बाहर निकल गए। देखते ही देखते ट्रक के केबिन में आग तेज गति से फैलने लगी।
आस-पास के ग्रामीण धमाके की आवाज सुनकर घटनास्थल पर एकत्रित हो गए। हादसे की सूचना मिलते थानाधिकारी इंद्रप्रकाश यादव जाप्ते सहित मौके पर पहुंचे और खलासी को बाहर निकालने की कोशिश में लग गए। लेकिन केबिन में लगी आग इतनी भयानक थी कि उसके पास जाना भी मुश्किल हो रहा था। झुंझुनूं से दमकल की गाड़ी बुलवाई गई। दमकल के पहुंचने के बाद करीब एक घंटे की मशक्कत बाद ही आग पर काबू पाया जा सका।
रात के ढाई बजे खलासी जगदीश के जले हुए शव को बाहर निकाला जा सका। पुलिस द्वारा एक तरफा यातायात खोलकर यातायात को सुचारू करवाया गया। पुलिस ने रविवार को पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया। थानाधिकारी इंद्रप्रकाश ने बताया कि बूंदी के तालाब गांव निवासी सलमान ने रिपोर्ट दी है कि वह अपने पिता ड्राईवर अलमुद्दीन व दूसरे खलासी बूंदी के हिंडोली निवासी जगदीश के साथ कोटा से पत्थर भरकर पिलानी जा रहे थे। काटली नदी के पास बे्रकर पर ट्रक के अनियंत्रित होकर पुलिया से नीचे गिरने के कारण जगदीश नीचे दब गया और केबिन मेें आग लग गई। आग में झुलसने से जगदीश की मौत हो गई।