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कोटा

रामपुरा अस्पताल : यहां रोगी इसलिए हैं परेशान….

रामपुरा अस्पताल में परामर्श पर्ची और जांच की रसीद का कार्य मैन्युअली होने से मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को पर्ची कटवाने में ही आधा घंटा लग रहा है। वहीं जांच रसीद लेने में इससे भी ज्यादा।

कोटाOct 04, 2016 / 09:03 pm

shailendra tiwari

आधा-एक घंटे लगते हैं लाइन में, फिर जाकर कहीं मिलती है पर्ची

कोटा. रामपुरा अस्पताल में परामर्श पर्ची और जांच की रसीद का कार्य मैन्युअली होने से मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को पर्ची कटवाने में ही आधा घंटा लग रहा है। वहीं जांच रसीद लेने में इससे भी ज्यादा। रोजाना आने वाले मरीजों पर्ची, डॉक्टर से सलाह, जांच व दवा लेने सभी जगह पर कतारों में लगना पड़ रहा है। कम्प्यूटर से एक मिनट में चार पर्ची कटती है, लेकिन मैन्युअली पर्ची काटने में एक मिनट से भी ज्यादा का समय लग रहा है।
चालीस हजार सैलेरी, काट रहे पर्चियां

अस्पताल में कम्प्यूटर ऑपरेटर या पर्ची काटने का कार्य नर्सेज से कार्य करवाया जा रहा है। जबकि अन्य अस्पतालों में नर्सेज की कमी है। करीब चालीस से पचास हजार सैलेरी वाले ये नर्सेज मरीजों की सेवा की जगह केवल जांच परामर्श की रसीद काट रहे हैं। जबकि मेडिकल कॉलेज व दूसरे चिकित्सालयों में यह कार्य पांच से सात हजार सैलेरी वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर या संविदा कार्मिकों से करवाया जा रहा है। अस्पताल के प्रभारी का कहना है कि मैन पावर ज्यादा है, एेसे में उन्हें इस कार्य के लिए लगा दिया गया है।
हमारे पास मैन पावर की कमी नहीं है, एेसे नर्सेज से ही उपयोग लेंगे। काउंटर पर भीड़ लग रही है तो नर्सेज बढ़ा देंगे। कम्प्यूटर ऑपरेटर या सॉफ्टवेयर के लिए बजट नहीं है। आरोग्य ऑनलाइन के लिए प्रयास कर रहे हैं, जल्द ही इसे लागू करवा लेंगे।
– डॉ. जे.एल. जेठवानी, प्रभारी

अस्पताल में ये 

रोजाना आउटडोर – 1 हजार से अधिक

इनडोर मरीज – 50 से 60

जांच करवाने वाले मरीज – 200

जांचें हो रही – 500 से ज्यादा
अस्पताल में डॉक्टर – 25

नर्सेज व अन्य स्टाफ – करीब 75


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