Read more:एक दूसरे के मददगार बनकर इंसानियत का फर्ज अदा करना ही रमजान
रात को सहरी से काफी समय पहले उठा गया और तैयारी में जुट गया। अपनी बहन प्रेरित होकर उसने रोजा रखा है। इधर फरहान का कहना है कि वह अब रोजा रख सकता है, अल्लाह ने उसे रोजा रखने की ताकत दी है।
रात को सहरी से काफी समय पहले उठा गया और तैयारी में जुट गया। अपनी बहन प्रेरित होकर उसने रोजा रखा है। इधर फरहान का कहना है कि वह अब रोजा रख सकता है, अल्लाह ने उसे रोजा रखने की ताकत दी है।