25 करोड़ होंगे खर्च : वन विभाग ने पौधारोपण के साथ ही इनकी सुरक्षा के लिए चारों तरफ चारदीवारी बनाई है। इस पर करीब 25 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। वन विभाग नियमित रूप से टैंकर से पौधों को पानी पिला रहा है। इस प्रयास से वन भूमि पर अतिक्रमण पर अंकुश भी लगा है।
वन विभाग क्षेत्र में गुजर रहे भड़क्या खाळ में दो एनिकट बनाने की योजना बना रहा है। इससे जलस्तर बनेगा, पेड़-पौधों को पानी पिलाने में सहूलियत( Convenience) रहेगी।
पथरीली जमीन होने के कारण यहां पौधे लगाना चुनौतीपूर्ण था। वन विभाग ने यहां पत्थरों में विस्फोट कर एक गुणा एक वर्गमीटर के गहरे और चौड़े गड्ढे खुदवाए और उसमें उपजाऊ मिट्टी भरवाई। इसके बाद पौधे लगाए गए। इस तरह की तकनीक प्रदेश में जोधपुर के माचिया बायोलोजिकल पार्क में भी अपनाई गई है।
वनविभाग ने इस जमीन पर वर्ष 2016 से विभिन्न टुकड़ों में पौधारोपण शुरू किया गया। विभाग ने शहर की हमलोग, गायत्री परिवार, कोटा यूथ सोसायटी, गणेशनगर उद्यान समिति, कोटा सिटी ब्लॉग समेत विभिन्न संस्थाओं को इन पौधों के रखरखाव की जिम्मेदारी दी। पिछले दो साल में इस इलाके में पथरीली जमीन की जगह हरियाली नजर आने लगी है।