नगर निगम की ओर से पहली बार यूनिपोल के टेण्डर रोडवाइज किए जा रहे हैं। इससे निगम को करोड़ों रुपए के राजस्व नुकसान की आशंका है। कारण, शर्तों की जटिलता के कारण निविदा दाता टेण्डर प्रक्रिया में भाग लेने से पीछे हट रहे हैं। टेण्डर की कॉपी जमा कराने की बुधवार को अंतिम तिथि है, लेकिन विज्ञापन सेवा प्रदाताओं ने इसमें रूचि नहीं दिखाई है। इस कारण निगम को पसोपेश में है।
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परिवहन विभाग की लापरवाही से सरकार को हर महीने लग रहा 64 लाख का चूनानिगम की ओर से यूनिपोल के हर साल साइटवाइज टेण्डर किए जाते थे, लेकिन पहली बार इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया। यूनिपोल टेण्डर रोडवाइज किए जा रहे। इसमें निगम ने शहर को 12 भागों में बांटा है। इस आधार पर ही निविदाएं जारी की। यूनिपोल के टेण्डर कार्यादेश से वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 की अवधि के लिए दिए जाएंगे।
Read More: फ्लैश बैक: फोन की एक घंटी ने हिलाकर रख दी परिवार की सांसें, बेटे की जान के बदले मांगे थे दो करोड़ चिह्नित स्थानों पर यूनिपोल विज्ञापन पट्ट की साइज 16 गुणा 10 रहेगी। निगम की शर्तों को अव्यावहारिक बताते हुए निविदा दाताओं का कहना है कि रोडवाइज यूनिपोल के टेण्डर उचित नहीं। रोडवाइज टेण्डर में एजेन्सियों के भाग नहीं लेने की संभावना है, इससे निगम को राजस्व का मोटा नुकसान होगा।
Read More: रुद्राक्ष अपहरण व हत्याकाण्ड: मां-बाप ने जताया संतोष, देखिए अदालत के फैसले के बाद की Exclusive तस्वीरें… रोडवाइज टेण्डर कोटा में ही क्यों?
निविदा दाताओं का कहना है कि पूरे प्रदेश के निकायों में यूनिपोल के टेण्डर साइडवाइज ही होते हैं, फिर कोटा में रोडवाइज टेण्डर क्यों करवाए जा रहे। इसको लेकर निविदा दाताओं ने निगम आयुक्त के समक्ष मंगलवार को आपत्ति जताते हुए ज्ञापन भी दिया। इसमें साथ ही उन्होंने यूनिपोल की टेण्डर शर्तों में बदलाव की मांग की। उनका कहना था कि निविदा दाताओं से पहली बार पुलिस से जारी चरित्र प्रमाण-पत्र भी मांगा जा रहा है। उनका कहना था कि निगम में वर्षों से काम कर रहे हैं, ऐसे में यह प्रमाण-पत्र क्यों मांगा जा रहा है।
निविदा दाताओं का कहना है कि पूरे प्रदेश के निकायों में यूनिपोल के टेण्डर साइडवाइज ही होते हैं, फिर कोटा में रोडवाइज टेण्डर क्यों करवाए जा रहे। इसको लेकर निविदा दाताओं ने निगम आयुक्त के समक्ष मंगलवार को आपत्ति जताते हुए ज्ञापन भी दिया। इसमें साथ ही उन्होंने यूनिपोल की टेण्डर शर्तों में बदलाव की मांग की। उनका कहना था कि निविदा दाताओं से पहली बार पुलिस से जारी चरित्र प्रमाण-पत्र भी मांगा जा रहा है। उनका कहना था कि निगम में वर्षों से काम कर रहे हैं, ऐसे में यह प्रमाण-पत्र क्यों मांगा जा रहा है।
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राजस्व समिति के अध्यक्ष महेश गौतम लल्ली का कहना है कि यूनिपोल के टेण्डर रोडवाइज करने का निर्णय अनुचित है। आरओ ने निर्णय करने के बाद इस बारे में मुझे अवगत कराया था, मैं इसके पक्ष में नहीं हूं। बुधवार को आयुक्त से मिलकर साइडवाइज टेण्डर करने के संबंध में बात की जाएगी।
राजस्व समिति के अध्यक्ष महेश गौतम लल्ली का कहना है कि यूनिपोल के टेण्डर रोडवाइज करने का निर्णय अनुचित है। आरओ ने निर्णय करने के बाद इस बारे में मुझे अवगत कराया था, मैं इसके पक्ष में नहीं हूं। बुधवार को आयुक्त से मिलकर साइडवाइज टेण्डर करने के संबंध में बात की जाएगी।
ये हैं शर्तें
1. निविदा प्रक्रिया में भाग लेने वाले समस्त निविदा दाताओं को निगम से एडवरटाइजर्स पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।
2. समस्त निविदा प्रपत्र एवं अपेक्षित दस्तावेज ऑनलाइन प्रस्तुत करने होंगे।
3. निविदा दाताओं
1. निविदा प्रक्रिया में भाग लेने वाले समस्त निविदा दाताओं को निगम से एडवरटाइजर्स पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।
2. समस्त निविदा प्रपत्र एवं अपेक्षित दस्तावेज ऑनलाइन प्रस्तुत करने होंगे।
3. निविदा दाताओं