scriptफिर खटाई में पड़ा कोटा-रावतभाटा के बीच सड़क निर्माण! | Road construction between Kota-Rawatbhata again in sour | Patrika News

फिर खटाई में पड़ा कोटा-रावतभाटा के बीच सड़क निर्माण!

locationकोटाPublished: Feb 08, 2021 06:06:32 pm

Submitted by:

Anil Sharma

वन विभाग के बाद अब फंसा राजनैतिक पेच…

rawatbhata

रावतभाटा. कोटा-रावतभाटा की सीमा के पास स्थित प्रवेश द्वार पर बदहाल सड़क पर वाहनों की आवाजाही।

रावतभाटा. कोटा-रावतभाटा के बीच हो रहे सड़क निर्माण कार्य में नित नई बाधाएं सामने आ रही है। पहले वन विभाग की ओर से एनओसी को लेकर सड़क निर्माण कार्य में अड़ंगा लगया। अब राजनैतिक दखल के चलते सड़क निर्माण कार्य को प्रभावित होता नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार सड़क निर्माणकर्ता अमित कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। बजट के अभाव में उक्त कंपनी के एक वर्ष से बकाया चल रहे तीन करोड़ से ज्यादा राशि का भुगतान नहीं हो सका। इसके बावजूद लोगों की परेशानी को देखते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग के निर्देश पर निर्माण कार्य किया जा रहा है।
जनप्रतिनिधियों ने जताई आपत्ति
उल्लेखनीय है कि पहले वन विभाग की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र के माग की गई, और पहले भी तीन बार निर्माण कार्य रुकवा दिया था। जिसके बाद बोरावास गांव में निर्माण कार्य शुरु किया। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अनुसार निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत मिलने पर विधायक मदन दिलावार ने निर्माण कार्य में आपत्ती जताई। ऐसे में लगातार उत्पन्न हो रही बाधाओं को देखते हुए सार्वजनिक विभाग इस कार्य रोकने का मन बना रहा है।
पहले वन विभाग ने लगाया अड़ंगा
सार्वजनिक निर्माण विभाग अधीक्षण अभियंता हुकुमचंद मीणा ने बताया कि कोटा सीमा से बोरावास तक 28 किलोमीटर की सड़क निर्माण कार्य होना है। इसमें विभाग की ओर से पहले कोलीपुरा के यहां करीब 11 किलोमीटर लंबे सबसे ज्यादा खराब मार्ग पर सीसी सड़क बनाने का कार्य शुरू किया था। डीएफओ की ओर से निर्माण कार्य की स्वीकृति मांग कर काम रुकवा दिया। जबकि पहले भी यहां निर्माण कार्य के लिए मौखिक स्वीकृति दी थी। अब ऑनलाइन स्वीकृति की मांग होने से नए सिरे से दस्तावेज तैयार किए जा रहे है। इसमें भी काफी समय लगने का अनुमान है।
सड़क बने तो मिले चालकों को राहत
उल्लेखनीय है कि रावतभाटा से 50 किलोमीटर की न्यूनतम दूरी पर बड़ा शहर कोटा है। जिसके चलते इस मार्ग पर रोजाना 5 सौ से ज्यादा बड़े छोटे वाहनों की आवाजाही होती है। खस्ताहाल सडक़ की वजह से महज 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में डेढ़ से दो घंटे का समय लग जाता है। बीच मार्ग में टूटी सड़कों युक्त विकट घुमावदार घाटी क्षेत्र में आए दिन वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है। वहीं चिकित्सकीय आपातकाल की स्थिति में समय रहते गंभीर मरीजों व प्रसूताओं को कोटा सुरक्षित कोटा पहुंचाना वाहन चालकों के लिए बड़ा ही चुनोतिपूर्ण साबित होता है। अगर 28 किलोमीटर की नई सड़क बनती है। तो इससे रावतभाटावासियों को बड़ी राहत मिलेगी।
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