अस्पतालों में आज से शुरू होंगे रुटिन ऑपरेशन
कोटा. एमबीएस अस्पताल, रामपुरा जिला अस्पताल व जेके लोन अस्पताल में बुधवार से रुटिन सर्जरी के ऑपरेशन शुरू होंगे। इस मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने तीनों अस्पताल अधीक्षक, गायनिक, सर्जरी, आर्थोपेडिक, एनेस्थिया विभागाध्यक्षों की बैठक ली। उसमें निर्णय किया कि प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक रुटिन सर्जरी शुरू की जाएगी।
अस्पतालों में आज से शुरू होंगे रुटिन ऑपरेशन
कोटा. एमबीएस अस्पताल, रामपुरा जिला अस्पताल व जेके लोन अस्पताल में बुधवार से रुटिन सर्जरी के ऑपरेशन शुरू होंगे। इस मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने तीनों अस्पताल अधीक्षक, गायनिक, सर्जरी, आर्थोपेडिक, एनेस्थिया विभागाध्यक्षों की बैठक ली। उसमें निर्णय किया कि प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक रुटिन सर्जरी शुरू की जाएगी।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने 17 मई के अंक में लॉकडाउन में लॉक हुए रुटिन ऑपरेशन शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया गया था कि कोरोना वायरस से लॉकडाउन के चलते सरकारी अस्पतालों में रुटिन के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे। आमजन के लिए कोरोना के अतिरिक्त अन्य बीमारियों का उपचार कराना चुनौती बन गया है। ऑपरेशन टाले जाने से मरीजों की पीड़ा को उजागर किया था। उसके बाद प्राचार्य ने लॉकडाउन में ढील होने के बाद अस्पतालों में रुटिन सर्जरी के ऑपरेशन शुरू करने की बात कही थी। उसके बाद बुधवार को इसी मामले को लेकर अहम बैठक हुई। उसमें रुटिन सर्जरी के ऑपरेशन शुरू करने का निर्णय किया। इससे मरीजों को परेशानी नहीं होगी।
गाइड लाइन की होगी पालना
प्राचार्य ने बताया कि रुटिन ऑपरेशन में कोरोना गाइड लाइन की पूरी पालना होगी। इसमें चिकित्सक अस्पताल में बहुत जरुरी रुटिन ऑपरेशन वाले मरीज की पहले देखेंगे। संदिग्ध लगने वाले मरीज की कोरोना की जांच होगी। उसके बाद पीपीई किट पहनकर डॉक्टर ऑपरेशन करेंगे।
टेस्टिंग की बढ़ेगी रफ्तार, दो आरएनए मशीन हुई स्ट्रॉल
कोटा मेडिकल कॉलेज में दो आरएनए मशीन नई स्ट्रॉल कर दिया है। इससे अब कोरोना मरीजों के सेम्पलिंग टेस्टिंग की रफ्तार और बढ़ जाएगी। पइले टेस्टिंग मैनुअल की जाती थी। इसमें समय अधिक लगता था। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि तीन दिन पहले आई आरएनए मशीन 23 लाख की आई थी। उसमें एक घंटे में 48 व दूसरी 29 लाख आरएनए मशीन आज आई। यह दिल्ली से आई है। उसमें एक घंटे में 96 आरएनए निकाल सकेगी। जबकि पुरानी मशीन एक घंटे में 12 आरएनए ही निकाल पा रही थी। इन मशीनों के आने से सेम्पलिंग की रफ्तार बढ़ जाएगी। वर्तमान में कॉलेज में कोरोना के 1100 से 1200 प्रतिदिन सेम्पल टेस्टिंग हो रहे है। इन मशीनों से काम रफ्तार पड़ेगा तो 1500 से 2000 के बीच सेम्पलिंग की टेस्टिंग की जा सकेगी।