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कोटा

निकाय चुनाव : धारीवाल बोले, ‘2009 में जो नियम थे वो ही लागू किए हैं, नया कुछ भी नहीं’

भरत सिंह वरिष्ठ नेता हैं, उनके सुझाव का स्वागत है
 

कोटाOct 17, 2019 / 10:40 pm

Rajesh Tripathi

निकाय चुनाव :  धारीवाल बोले, '2009 में जो नियम थे वो ही लागू किए हैं, नया कुछ भी नहीं

निकाय चुनाव : धारीवाल बोले, ‘2009 में जो नियम थे वो ही लागू किए हैं, नया कुछ भी नहीं

कोटा। स्थानीय निकायों में अध्यक्ष, सभापति और महापौर के चुनाव प्रक्रिया को लेकर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि वर्ष 2009 में जो नियम थे, वो ही इस बार हैं। उस समय निकाय प्रमुख का चुनाव सीधा हुआ था, जिसमें कोई भी पात्र मतदाता खड़ा हो सकता था। इस बार निकाय प्रमुखों का चुनाव पार्षद करेंगे, लेकिन महापौर, सभापति या पालिका अध्यक्ष के पद कोई भी ऐसा मतदाता जो पार्षद बनने की योग्यता रखता हो, वह चुनाव लड़ सकेगा। ऐसे में निकाय प्रमुख की पात्रता में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछली भाजपा सरकार ने वर्ष 2014 में इन नियमों को बदल दिया था, इसके बाद इस बार जब कांग्रेस सरकार बनी तो 31 जनवरी 2019 को वापस वर्ष 2009 के नियमों को लागू कर दिया गया। उस समय निकाय प्रमुखों का चुनाव सीधा कराने की घोषणा हुई, जिसे कोई भी लड़ सकता था, अब भी भले ही पार्षद चुनाव करेंगे, लेकिन कोई भी व्यक्ति जो पार्षद बनने की योग्यता रखा है। वह चुनाव महापौर का चुनाव लड़ सकता है। धारीवाल से बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।
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पत्रिका: स्थानीय निकाय प्रमुखों की चुनाव प्रक्रिया में बदलाव को लेकर कई तरह की चर्चा चल रही है।
धारीवाल: वर्ष 2009 में जो नियम थे वही इस बार लागू हैं। नौ माह पहले ही इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दी गई, लेकिन बहुत से लोगों ने नियम नहीं पढ़े, इसलिए अब वो चर्चा कर रहे हैं।
पत्रिका: आपकी पार्टी के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने इस निर्णय पर दुबारा विचार करने का सुझाव दिया है।
धारीवाल: भरत सिंह वरिष्ठ विधायक हैं, उनके सुझावों का स्वागत करते हैं। सुझाव आना अच्छी बात है।
पत्रिका: स्थानीय निकाय प्रमुख के चुनाव के लिए आपकी दृष्टि से क्या ये नियम सही हैं।
धारीवाल: सवाल तो तब उठना चाहिए जब नए नियम बनाए हों, वर्ष 2009 जो नियम बने वही अब लागू किए हैं। उस समय निकाय प्रमुख का चुनाव सीधा हुआ, इस बार पार्षद करेंगे। पहले भी कोई भी पात्र व्यक्ति खड़ा हो सकता था और अभी चुनाव लड़ सकता है, चुनाव पार्षद करेंगे।

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