लाडपुरा पंचायत समिति की गंदीफली ग्राम पंचायत के भगवानपुरा तालाब में मनरेगा में बिना काम हुए ही ग्राम पंचायत प्रशासन ने कागजों में लाखों रुपए का काम पूरा होना बता दिया है। हैरानी की बात तो यह थी कि तालाब की पाल पर कार्य पूर्ण होने का बोर्ड भी लगा दिया था। इसकी ग्रामीणों ने जिला प्रशासन ने शिकायत की तो रातोंरात बोर्ड को ही गायब कर दिया है।
ग्रामीणों की शिकायत पर पत्रिका टीम भगवानपुरा में देवनारायण मंदिर के पास स्थित रियासतकालीन तालाब पर पहुंची और मौके की स्थिति देखी तो पाया कि तालाब की पाल को मजबूत करने के लिए पत्थरों की चुनाई (पिचिंग) का जो काम पूरा होना बताया गया है, वहां एक पत्थर भी नहीं लगा हुआ है। तालाब का गहरीकरण का काम भी नहीं हुआ है।
इसकी शिकायत जिला कलक्टर, लाडपुरा उपखण्ड अधिकारी, जिला परिषद के आयुक्त को की गई है। जिला परिषद की टीम मौके पर आई थी, ग्रामीणों के बयान लेकर लौट गई है। कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पंचायत ने सबूत नष्ट किए, ग्रामीणों ने संभालकर रखा
ग्रामीणों ने तालाब में पिचिंग के काम की शिकायत करने से पहले तालाब पर मनरेगा के तहत कार्य पूर्ण होने का लगाए गए पट्ट की फोटो खींच कर अपने पास सुरक्षित कर लिए थे। इसकी जानकारी मिलने के बाद अज्ञात लोगों ने यह शिलापट्ट यहां से गायब कर दिया है। पत्रिका टीम ने देखा कि शिलापट्ट के अवशेष थे, लेकिन शिलापट्ट नजर नहीं आया। सूचना पट्ट के मुताबिक 21 जून 2018 को कार्य पूर्ण होना बताया गया है।
पानी की दिशा बदली
ग्राम पंचायत की ओर से इस साल गर्मी में तालाब में मनरेगा के तहत खुदाई का काम करवाया गया था। इसमें तालाब की मिट्टी खोद कर पानी की आवक के रास्तों में भर दी। इससे तालाब में पानी की आवक बंद हो गई है। इस कारण तालाब खाली रह गया है। तालाब में आने वाला पानी खेतों में भर रहा है।