कुछ समय तक तो भवन के अभाव में स्कूल का संचालन ही नहीं हुआ। उस समय भी शिक्षक नियमित आते थे और दिनभर पंचायत में बैठने के बाद घर चले जाते। ऐसे में बपावर सरपंच लाला किशनचन्द गुप्ता ने वैकल्पिक रूप में अटल सेवा केन्द्र में स्कूल संचालन की मौखिक स्वीकृति दी। शिक्षक ने उस समय प्रयास कर 11 बच्चों का नामांकन भी कर लिया। नामांकन के बाद कोई बच्चा स्कूल में पढऩे के लिए नहीं आया।
वर्तमान में कार्यरत शिक्षक मंजेश कुमार शर्मा बच्चों को पढाने के लिए हर दिन स्कूल तो आते हैं पर बच्चों के नहीं आते। शिक्षक शर्मा ने बताया कि कई बार उच्चाधिकारियों को लिखित में दिया जा चुका है, कोई पहल नहीं हुई।
इधर, संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी सीताराम मीणा कहते हैं कि बपावर में संस्कृत स्कूल के लिए भवन निर्माण के लिए जमीन आवंटन का आग्रह पंचायत प्रशासन से किया गया है। जैसे ही जमीन का आवंटन होगा आगे की कार्रवाई की जाएगी।