आदेश के अनुसार निगम क्षेत्र की सीमाओं में लगने वाले गांवों के पशुपालकों के पालतु पशुओं को शहर की सीमा के अन्दर आवारा छोडऩे एवं शहरी पशुपालकों के भी अपने पशुओं को खुला छोडऩे पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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गुप्ता ने बताया कि पशुओं के खुला विचरण करने के कारण यातायात व्यवस्था बाधित होती है। आमजन भी दुघर्टनाग्रस्त हो रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने निगम आयुक्त डॉ विक्रम जिंदल, पुलिस अधीक्षक शहर अंशुमान भौमिया एवं ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार को निर्देश दिए कि शहर में प्रवेश करने वाले रास्तों पर स्थापित चौकियों पर पुलिसकर्मियों तथा सेक्टर कार्यालयों पर कर्मचारियों को पाबंद करें कि पशुपालक पालतु पशुओं को शहर में छोड़कर नहीं जा पाएं। जारी आदेश के अनुसार भेड़ निष्क्रमण चेक पोस्ट नियंत्रक प्रभारी भी इस पर निगरानी रखेंगे।
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सार्वजनिक स्थानों पर चारा बिक्री पर प्रतिबंध आदेशों के तहत निगम की ओर से चयनित स्थानों के अलावा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर चारा डालने एवं विक्रय पर भी प्रतिबंध रहेगा। निगम आवारा पशुओं को पकडऩे के बाद गोशालाओं में छोड़ेगा। इन आदेशों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकेगी।