डेंगू ने छीनी स्टूडेंट की मुस्कुराहट, बुझा दिया गया एक घर का चिराग
ये मिले हाल सुबह 9 बजे @ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बोरखेड़ा ये मिली स्थिति : ग्रामीण पुलिस लाइंस से आए मरीज किशन सिंह ने बताया कि उन्हें तीन दिन से खांसी है। वे चिकित्सक को दिखाने के लिए आ रहे है, लेकिन तीनों बार चिकित्सक नहीं मिले। उन्होंने सवाल उठाया कि यहां कार्यरत चिकित्सक कभी मरीजों को देखते ही नहीं है। कोई बीमार व्यक्ति आता है। सीधे दवा काउंटर पर भेज दिया जाता है। वहां बीमारियों के बारे में पूछकर दवाई दे दी जाती है। जब चिकित्सक के बारे में पूछा तो पता चला कि चिकित्सक मनोज नागर पितृत्व अवकाश पर हैं। यहां कार्यरत कार्मिक दवाइयां लेने सीएमएचओ ऑफिस नहीं गए। इस कारण केन्द्र पर 15 दिन से खासी, जुकाम व एंटीबायोटिक दवाइयां तक उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मरीजों को बाहर से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं।—- इनका यह कहना
केन्द्र पर चिकित्सक छुट्टी पर चल रहे है। वह 15 दिन की छुट्टी पर है। वैकल्पिक तौर पर चिकित्सक लगाने के लिए सीएचएचओ ऑफिस में लिखा हुआ है। कुछ दिनों से खांसी, जुकाम व एन्टीबायोटिक दवाइयां नहीं है। इस कारण मरीजों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहे है। एक कार्मिक को भेजकर आज ही दवाइयां मंगवाएंगे।
केन्द्र पर कार्यरत चिकित्सक डॉ. रीना कौशिक की मां की अचानक तबीयत खराब हो गई। इस कारण वे केन्द्र से चली गई। वे खुद ही पूरे अस्पताल को संभाल रही है। आज टीकाकरण होने के कारण महिलाओं की भीड़ लगी है। अन्य कार्मिक नहीं होने के कारण दवा काउंटर पर हेल्पर को बैठा रखा है। वह हमसे ही पूछकर मरीजों को दवा दे रहा है।