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कोटा

सहकारी समितियों को भूमि नहीं मिली तो पुराने स्कूल भवन बनेंगे गोदाम

सहकारिता विभाग ने राज्य की 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 100-100 मीट्रिक टन एवं 20 क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में 250-250 मीट्रिक टन गोदाम निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। इससे उपज के भण्डारण की क्षमता में वृद्धि होगी।
 

कोटाAug 13, 2020 / 05:23 pm

Jaggo Singh Dhaker

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गोदाम बनाने के लिए मिली स्वीकृति

कोटा. कोटा जिले की 6 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के लिए 100 मीट्रिक टन के गोदाम निर्मित होंगे। वहीं एक क्रय-विक्रय सहकारी समिति के लिए 250 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम का निर्माण किया जाएगा। इस तरह कोटा जिले में 7 नए गोदाम बनेंगे।
सहकारिता विभाग ने राज्य की 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 100-100 मीट्रिक टन एवं 20 क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में 250-250 मीट्रिक टन गोदाम निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। इससे उपज के भण्डारण की क्षमता में वृद्धि होगी। वहीं किसानों को समय पर कृषि आदानों की उपलब्धता सुनिश्चिम करने में गोदामों का उपयोग हो सकेगा। इससे राज्य की भंडारण क्षमता में 15 हजार मीट्रिक टन की वृद्धि होगी।
26 जिलों में बनने वाले इन गोदामों पर 17 करोड़ रुपए व्यय होंगे। 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के लिए प्रति समिति 12 लाख रुपए एवं 20 क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के लिए प्रति समिति 25 लाख रुपए व्यय होंगे। इस प्रकार 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर 12 करोड़ और 20 कय-विक्रय सहकारी समितियों पर 5 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि जिन सहकारी समितियों के पास भूमि नहीं है। ऐसी समितियों को भूमि की उपलब्ध कराए जाने के लिए जिला प्रशासन के स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। जिन समितियों में भूमि उपलब्ध होना संभव नहीं है और विद्यालयों के परिसीमन के कारण खाली हुए विद्यालय भवन उपलब्ध हैं ऐसे भवनों को शिक्षा विभाग की सहमति से गोदाम के रूप में काम में लिया जाएगा।
कहां कितने गोदाम बनेंगे
प्रतापगढ़़ जिले में 12 ग्राम सेवा सहकारी समितियों, भीलवाड़ा में 8, बीकानेर एवं श्रीगंगानगर में 7-7, कोटा एवं जयपुर में 6-6, बारां एवं बाड़मेर में 5-5, उदयपुर, बांसवाड़ा, अजमेर, झुंझुनूं एवं दौसा में 4-4, चित्तौडगढ़़, सवाईमाधोपुर एवं पाली में 3-3, बूंदी, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, चूरू एवं हनुमानगढ़ में 2-2, सीकर, अलवर एवं टोंक जिले में 1-1 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 100 मीट्रिक टन के गोदाम निर्मित होंगे। इसके अलावा पाली, श्रीगंगानगर एवं बारां जिले की 3-3 क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में, टोंक, बूंदी एवं बांसवाड़ा में 2-2 तथा कोटा, डूंगरपुर, बाड़मेर, सीकर एवं अलवर जिले की 1-1 क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में 250 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बनाए जाएंगे।

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