जीवाजी यूनिवर्सिटी की बीए की फर्जी अंकतालिकाएं और माइग्रेशन सर्टिफिकेट बनाकर छात्र नेता विक्रम नागर ने कोटा विवि से एमए लोकप्रशासन विषय में दाखिला ले लिया था। राजस्थान पत्रिका ने २७ अगस्त को फर्जी दस्तावेजों से दाखिला होने का खुलासा किया था। इतना ही नहीं राजस्थान पत्रिका ने लगातार खबरें प्रकाशित कर दो राज्यों में फैले फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह की पोल खोलकर रख दी।
हालांकि इस दौरान तमाम सियासी और प्रशासनिक दवाबों के चलते कोटा विवि प्रशासन फर्जीवाड़े के आरोपी छात्र विक्रम नागर को बचाने की भरकस कोशिश करता रहा, लेकिन आखिर में इस बात का खुलासा होने के बाद उसे सोमवार को आरोपी छात्र नेता का प्रवेश निरस्त करने के आदेश जारी करने पड़े।
रिपोर्ट दर्ज कराने में आनाकानी हालांकि कोटा विवि के आला अफसर हाईप्रोफाइल फर्जीवाड़े का खुलासा होने और आरोपी छात्र का दाखिला खारिज करने की कार्रवाई करने के बावजूद अब भी उस पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने से कतरा रहे हैं। कुलसचिव डॉ. एससी शर्मा से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने इसके लिए कुलपति की रजामंदी मिलने के बाद ही कार्रवाई करने की बात कही। कुलसचिव ने कहा कि कुलपति का एप्रूवल मिलने के बाद ही विवि प्रशासन विक्रम नागर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएगा। कुलपति सोमवार को अवकाश पर थीं इसीलिए अब मंगलवार को ही इस बाबत कोई निर्णय हो सकेगा।
एबीवीपी ने खोला मोर्चा विक्रम नागर को फर्जी दस्तावेजों से दाखिला देने वाले शिक्षकों एवं अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने, फर्जी अंकतालिकाएं एवं माइग्रेशन सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह की धर पकड़ के लिए रिपोर्ट दर्ज न कराने और फर्जीवाड़ा कर चुनाव लडऩे के लिए नामांकन दाखिल करने वाले छात्र विक्रम नागर के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज न कराने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आक्रोश जताया है।
परिषद के महानगर मंत्री कपिल मेहता ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव में बची इकलौती प्रत्याशी गुंजल झाला को निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा और फर्जीवाड़े के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर मंगलवार को विवि के मुख्य द्वार पर धरना देकर सत्याग्रह किया जाएगा।