आरटीयू वित्त समिति की 18वीं बैठक गुरुवार को कुलपति सचिवालय में हुई। विवि प्रशासन ने संविदा पर वाहन हायर करने के लिए 19 फरवरी को जारी किए गए वित्त विभाग के परिपत्र का हवाला देते हुए वित्त समिति को जानकारी दी कि एक वाहन का जीएसटी के साथ वार्षिक किराया लगभग 3.02 लाख रुपए होता है। प्रति कुलपति, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक, परीक्षा नियंत्रक, डीन फेकल्टी अफेयर्स, डीन एकेडमिक अफेयर्स और संपदा अधिकारी के उपयोग के लिए संविदा पर वाहन हायर किए जाते हैं,
नहीं रखा पूरा ब्यौरा
विवि प्रशासन ने अपने प्रस्ताव में कॉन्ट्रेक्ट पर हायर की जाने वाली कारों का खर्च तो बता दिया, लेकिन कार खरीदने के साथ इन्हें चलाने के लिए ड्राइवरों की भर्ती करने, उनके वेतन भत्ते, पेट्रोल और मैंटेनेंस आदि वार्षिक खर्च का ब्यौरा नहीं रखा। ऐसे में कारें खरीदने से विवि को वित्तीय घाटा होगा या मुनाफा इसका वास्तविक अंदाजा नहीं लगाया जा सका। बावजूद इसके वित्त समिति ने वित्त विभाग से अनुमति लेने और प्रबंध मंडल से भी प्रस्ताव को अनुमोदित कराने की शर्त के साथ वाहनों की खरीद को प्रशासनिक अनुमति दे दी।
फिर बढ़ गई फीस
एक तरफ तो विवि प्रशासन अफसरों की सहूलियत के लिए कारें खरीदने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर विवि की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए छात्रों की फीस बढ़ा रहा है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने राज्यपाल कल्याण सिंह को सालों से फीस नहीं बढ़ाए जाने और सरकार से पर्याप्त बजट नहीं मिलने के कारण आर्थिक स्थिति खराब होने की जानकारी दी थी।
गठन के बाद बढ़ा मानदेय
नए कुलपति की तलाश के लिए फरवरी में वीसी सर्च कमेटी गठित की गई थी। समिति के सभी सदस्यों को प्रति बैठक डेढ़ हजार रुपए मानदेय दिए जाने की भी जानकारी दे दी गई, लेकिन एमएनआईटी जयपुर में 19 फरवरी को जब कमेटी की पहली बैठक हुई तो सभी सदस्यों ने तय मानदेय लेने से इनकार कर दिया।
नॉमिनी ने भी भेज दिए नॉमिनी
बैठक में चौंकाने वाली बात यह रही कि प्रदेश के फाइनेंस सेक्रेटरी ने संभागीय आयुक्त को वित्त समिति की बैठक में शामिल होने के लिए अपना प्रतिनिधि नामित किया था, लेकिन संभागीय आयुक्त के भी प्रतिनिधि के तौर पर टीपी मीणा बैठक में शामिल हुए।
राजभवन के निर्देश पर फीस बढ़ाई गई है। कारों की खरीद के लिए सरकार से अनुमति लेने के साथ प्रस्ताव को बोम में भी पास करवाया जाएगा। रही बात पूर्व कुलपति और पूर्व प्रति कुलपति आदि को बैठक में बुलाने की तो उन्हें बतौर विशेष आमंत्रित सदस्य बैठक में शामिल किया गया था।
– प्रो. नीलिमा सिंह, कार्यवाहक कुलपति, राजस्थान तकनीकी विवि