ज्योतिषाचार्य अमित जैन का कहना है कि नौतपा की शुरुआत उस समय होती है जब सूर्य वृष राशि मे 9 डिग्री पर हो इस बार ये स्थिति 25 मई को बन रही है। जिस समय में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में आते हैं, उस समय चंद्रमा नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं। यही कारण है कि इसे नौतपा कहा जाता है। रोहिणी के दौरान अगर बारिश होती है, तो इसे रोहिणी का गलना कहा जाता है। मान्यता है कि यदि रोहिणी नक्षत्र में बारिश हो जाती है तो आने वाले बारिश के मौसम में वर्षा बहुत कम होती है।
तेज गर्मी बढ़ने के संकेत 25, 26 और 27 मई को तपिश बढ़ेगी। इस दौरान बूंदाबांदी भी होगी। फिर तीन दिन यानी 28, 29 और 30 मई को उमस बढ़ने के साथ हल्की बारिश होने के आसार बढ़ेंगे। 31 मई और 1 व 2 जून को तेज हवा चलने और आंधी-तूफान के साथ बारिश के योग बन रहे हैं। मंगल-राहु का अंगारक योग और शनि-केतु की युति का सम सप्तक दृष्टि संबंध वातावरण में गर्मी पैदा करेगा।
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र के संचरण में चंद्रमा का गोचर क्रमश: कुंभ, मीन, मेष, वृषभ, मिथुन व कर्क राशियों से संचरण होगा।