8 माह से लेकर 12 साल तक के 26 बच्चे इस वायरस की चपेट में आए हैं। वहीं 50 से 70 साल की उम्र तक 39 लोग भी इससे नहीं बच सके। बड़ी बात यह है कि 5 चिकित्सक भी इसकी चपेट में आए। स्वाइन फ्लू के बेकाबू होने से चिकित्सा विभाग में हडक़ंप मचा है। बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। हाड़ौती में मौसमी बीमारियां बेकाबू हो रही है। इसके चलते चिकित्सा विभाग ने सभी चिकित्सकों के दो माह के अवकाश रद्द कर दिए हैं। जयपुर से आए संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील सिंह ने मंगलवार को कोटा सीएमएचओ ऑफिस में चारों जिलों की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।
संसाधन पड़ रहे कम
एमबीएस अस्पताल में स्वाइन फ्लू वार्ड में 4 वेन्टिलेटर में 1 ही काम कर रहा है। शेष तीन वेन्टिलेटर ठीक नहीं हुए है। जबकि यहां सात मरीज भर्ती है। इन सभी गंभीर मरीजों को वेन्टिलेटर की जरूरत है। पिछले दिनों आरएमआरएस की बैठक में वेन्टिलेटर को ठीक करवाने के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है। बावजूद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें ठीक करवाने का कोई प्रयास नहीं किया।
एमबीएस अस्पताल में स्वाइन फ्लू वार्ड में 4 वेन्टिलेटर में 1 ही काम कर रहा है। शेष तीन वेन्टिलेटर ठीक नहीं हुए है। जबकि यहां सात मरीज भर्ती है। इन सभी गंभीर मरीजों को वेन्टिलेटर की जरूरत है। पिछले दिनों आरएमआरएस की बैठक में वेन्टिलेटर को ठीक करवाने के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है। बावजूद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें ठीक करवाने का कोई प्रयास नहीं किया।
इनका यह कहना
– मानूसन के बाद स्वाइन फ्लू का वायरस अपना रूप बदल रहा है। इससे यह हावी हो रहा है। इसके चलते बच्चों, बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं में रोग प्रतिरोध क्षमता कम होने से उसका असर ज्यादा हो रहा है। वैक्सीनेशन से ही इसका बचाव किया जा सकता है।
डॉ. केवल कृष्ण डंग, श्वास रोग विशेषज्ञ
– मानूसन के बाद स्वाइन फ्लू का वायरस अपना रूप बदल रहा है। इससे यह हावी हो रहा है। इसके चलते बच्चों, बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं में रोग प्रतिरोध क्षमता कम होने से उसका असर ज्यादा हो रहा है। वैक्सीनेशन से ही इसका बचाव किया जा सकता है।
डॉ. केवल कृष्ण डंग, श्वास रोग विशेषज्ञ
– स्वाइन फ्लू का वायरस अब अपना स्ट्रेंथ बदल रहा है। पहले एचवन व एनवन था। अब एचथ्री व एनटू भी हो रहा है। कई बार मरीजों को देखने पर उसके लक्षण नेगेटिव महसूस होते है, लेकिन जांच करवाते है तो वह पॉजीटिव आ रहे हैं।
राजेन्द्र ताखर, सहायक आचार्य, श्वास रोग विशेषज्ञ