रास्ते में कोटा के बाद रतलाम, वड़ोदरा और सूरत भी ठहराव रखा गया है। नई दिल्ली से शाम 7.55 बजे रवाना हुई ट्रेन सीधी कोटा आकर ठहरी। रास्ते में मथुरा में सिग्नल फेल होने के कारण ट्रेन 50 मिनट विलम्ब हुई। ट्रेन कोटा जंक्शन के प्लेटफार्म नम्बर दो पर रात 12.50 बजे पहुंची और पांच मिनट ठहरकर 12.55 पर रवाना हो गई।
यहां क्रू बदला गया। इस ट्रायल के दौरान ट्रेन में रेलवे बोर्ड, आरडीएसओ के अलावा कोटा मंडल के पर्यवेक्षक स्तर के कार्मिक मौजूद रहे। स्पेन के इंजीनियर भी ट्रेन में चल रहे थे। कोच में यात्रीभार के स्थान पर मिट्टी के कट्टे रखे हुए थे। सूत्रों के अनुसार इस ट्रायल के बाद तीन ट्रायल और होंगे।
आगे एेसे होगा ट्रायल दूसरे ट्रायल में 5 अगस्त को 130 किमी प्रति घंटे से ट्रेन दौड़ेगी, लेकिन घुमाव पर भी रफ्तार कम नहीं की जाएगी। तीसरी ट्रायल 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 9 अगस्त और चौथी ट्रायल 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से 12 अगस्त को होगी।
एेसे हैं टेल्गो कोच इस ट्रेन के खाली कोच का वजन करीब 12.5 टन है, जबकि भारतीय कोचों का वजन 43.5 टन से 45.5 टन तक रहता है। टेल्गो कोच की लम्बाई करीब 13 मीटर और चौड़ाई करीब 3 मीटर है। इसकी हाइट करीब सवा तीन मीटर है।
वहीं भारतीय कोचों की हाइट करीब सवा चार मीटर रहती है। इसमें करीब 30 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। एक्जीक्यूटिव कुर्सीयान और एसी कुर्सीयान की अलग-अलग क्षमता है। कम ऊर्जा का होगा उपयोग
समय की कमी के अलावा टेल्गो अपेक्षाकृत हल्की ट्रेन है। इसमें मौजूदा भारतीय ट्रेनों से 30 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपयोग होगा। ये है योजना दिल्ली से मुंबई का सफर 12 घंटे में पूरा कराने के हिसाब से इसका ट्रायल हो रहा है। अभी 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल हो रहा है, लेकिन इसके 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की संभावना तलाशी जा रही है। यह प्रयास किया जा रहा है कि स्पीड के प्रतिबंध भी हटा दिए जाएं।
9 कोच थे ट्रेन में कोटा होकर गुजरी स्पेन निर्मित टेल्गो टे्रन में कुल 9 कोच थे। इनमें 2 कोच एक्जीक्यूट क्लास, 4 कुर्सीयान, 1 पावर कार, 1 कैफेटेरिया और एक ट्रायल एंड कोच शामिल था।
नई दिल्ली से मुंबई तक 1384 किमी का सफर तय करने में राजधानी एक्सप्रेस 16 घंटे का समय लेती है। राजधानी की औसत रफ्तार 91 किमी प्रति घंटे और उच्च रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे है।
कोटा के अधिकारी पहुंचे स्टेशन टे्रन को देखने लिए कोटा मंडल के कई अधिकारी और रेलकर्मियों सहित आमजन भी स्टेशन पहुंचे। जैसे ही ट्रेन कोटा जंक्शन पर आकर ठहरी सभी उसके कोचों की बनावट और उनमें मौजूद यात्री सुविधाओं को देखने लगे।
वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता समन्वय मणिभूष सिंह, डीसीएम हरिलाल और एसीएम एन.के. मीणा भी जंक्शन पर पहुंचे। दिल्ली मुंबई ट्रैक पर अभी इस ट्रेन का टाइम ट्रायल हो रहा है। पहले बरेली-मुरादाबाद और मथुरा पलवल के बीच इसका सेफ्टी और स्पीड ट्रायल हो चुका है। सोमवार को यह ट्रेन दिल्ली से शाम 7:55 पर रवाना हुई थी। आज यह ट्रेन 130 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से चलाई गई। अब तक इस ट्रालय में मथुरा में सिग्नल फेल होने के अलावा कोई दिक्कत नहीं है। वो भी ट्रेन से रिलेटेड नहीं थी। फिलहाल इसे राजधानी की स्पीड पर चलाया जा रहा है। इसके बाद इसे कर्व पर भी हाई स्पीड से चलाएंगे। आगे अलग-अलग फेज में इसे 140 और 150 किमी प्रति घंटा की स्पीड तक चलाएंगे। 12 अगस्त तक 150 की स्पीड का ट्रायल होगा।
हामिद अख्तर, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, आरडीएसओ